चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य की बातों को लोग आज भी मानते हैं. क्योंकि चाणक्य की शिक्षाएं वास्तविकता के बहुत ही नजदीक है. यही कारण है कि इतने वर्षों के बाद भी चाणक्य की चाणक्य नीति की प्रासंगिकता बनी हुई है. चाणक्य विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय में शिक्षक थे. इसी विद्यालय से चाणक्य ने शिक्षा ग्रहण की थी. चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ साथ राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और नैतिक शास्त्र का भी गहरा ज्ञान था.
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को यदि जीवन में सफल होना है तो कुछ अच्छी आदतों को अपने भीतर समाहित करना चाहिए. ऐसी ही एक आदत है सत्य को अपनाने की यानि जो व्यक्ति सत्य का साथ नहीं छोड़ता है, वह व्यक्ति सभी स्थानों पर सम्मान प्राप्त करता है. क्योंकि सत्य छिप सकता है मिट नहीं सकता
चाणक्य की चाणक्य नीति की सबसे विशेष बात ये है कि यह व्यक्ति को जीवन में सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है. व्यक्ति की जिम्मेदारी परिवार,समाज और राष्ट्र के निर्माण में क्या होती है, इसके प्रति जागरूक करती है.
सत्य से घबराएं नहीं, सत्य को अपनाएं
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को सच बोलने से नहीं घबराना चाहिए: झूठ बोलने वालों को इतिहास में कभी सम्मान नहीं मिलता है. चाणक्य की मानें तो झूठ बोलने से कुछ समय के लिए लाभ तो मिल सकता है. लेकिन सच्चाई सामने आने के बाद ऐसे व्यक्ति को लज्जित होना पड़ता है. क्योंकि असत्य की नींव पर कायम सफलता स्थाई नहीं होती है वह कभी भी ध्वस्त हो सकती है. व्यक्ति को सदा ही सत्य के मार्ग को अपनाना चाहिए. इसी में मानव हित छिपा है. चाणक्य के अनुसार ये आदत व्यक्ति को नेक और अच्छा इंसान भी बनाती है ये आदत,
सत्य बोलने वाला व्यक्ति सभी के हित के बारे में सोचता है. जबकि असत्य बोलने वाला व्यक्ति सिर्फ अपने स्वार्थ और अपने हितों को ही ध्यान में रखता है. इसलिए ऐसे व्यक्ति से सावधान और सर्तक रहना चाहिए. क्योंकि ऐसे लोग कभी कभी अपने लाभ के लिए दूसरों को धोखा भी दे सकते हैं.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।