भाग्य बताने में सक्षम मस्तिष्क पर एक से लेकर 7 रेखाएं हो सकती हैं. हर रेखा एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है. मस्तिष्क पर सबसे नीचे चंद्रमा की रेखा होती है. चंद्रमा मन कारक होता है. इस रेखा का स्पष्ट होना चंद्रमा को बलवान बनाता है. ऐसे लोग सृजनात्मक गतिविधियों से जुड़े होते हैं. अच्छे कलाकार और स्मरण शक्ति वाले होते हैं.
चंद्रमा की रेखा के ऊपर बुध की रेखा होती है. यह अच्छे स्वास्थ्य और तार्किक बुद्धि की परिचायक होती है. इसका रेखा का धनी व्यक्ति सफल व्यापारी, युवा सोच वाला सक्रिय व्यक्ति होता है. बुध रेखा के ऊपर शुक्र की रेखा होती है. सबल शुक्र रेखा वाला जातक सुंदर और समस्त लौकिक सुखों को भोगने वाला होता है.
शुक्र रेखा के ऊपर सूर्य की रेखा होती है. यह प्रशासनिक और प्रबंधन की सफलता देती है. व्यक्ति शासन सत्ता से लाभार्जन में सफल रहता है. सन लाइन के ऊपर मंगल रेखा होती है. ऐसा व्यक्ति सबल योद्धा, वीर और साहसी होता है. अनुशासन प्रिय होता है. जीवन में महत्वपूर्ण पदों को प्राप्त करता है.
वहीं मस्तिष्क पर ऊपर से दूसरी रेखा गुरु की होती है. व्यक्ति ज्ञानी विज्ञानी और अनुभवशील होता है. समाज में प्रतिष्ठा पाता है. अच्छा सलाहकार होता है. इसके अलावा मस्तिष्क पर सबसे ऊपर शनि की रेखा होती है. उन्नत रेखा होने पर व्यक्ति दीघार्यु होता है. गूढ़ पुरुषों में जाना जाता है. अलौकिक विषयों में रुचि लेता है. अत्यधिक संवेदनशील और पैनी नजर वाला होता है.
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।