माघ मास के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह व भक्ति का भाव है। नौ फरवरी को पुण्य बेला में संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं का रेला बुधवार से प्रयागराज पहुंचने लगा है। बच्चे, युवा व बुजुर्ग भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर संगम क्षेत्र पहुंचकर संतों व कल्पवासियों के शिविर में आसरा ले रहे हैं। मौनी अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों के मिलन से चतुर्ग्रही योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, जिससे स्नान पर्व का महत्व बढ़ गया है।
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार नौ फरवरी की सुबह 7 बजकर 15 बजे अमावस्या तिथि लग जाएगी जो 10 फरवरी की सुबह 5 बजकर 10 बजे तक रहेगी। इस दौरान श्रवण नक्षत्र रहेगा। मकर राशि में चंद्रमा, सूर्य, मंगल व बुध ग्रह का संचरण होने से चतुर्ग्रहीय योग बन रहा है। इससे संगम के पवित्र जल में स्नान करने वाले के धन और वैभव में वृद्धि होगी।
मन में न लाएं ऐसे विचार
पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार पद्म पुराण में माघ मास की अमावस्या तिथि को श्रेष्ठ बताया गया है। इसमें मौन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। स्नान के समय आराध्य का ध्यान करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी मन में छल-कपट जैसे अनैतिक विचार नहीं लाने चाहिए।
करें ये काम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गाय, कुत्ता व कौआ का संबंध पितरों से माना गया है। ऐसे में अमावस्या पर इनका अपमान करने से बचना चाहिए और इन तीनों के निमित्त भोजन निकालना चाहिए। इसके साथ ही मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन करने से बचें। सुबह स्नान के बाद पीपल की परिक्रमा करके पूजन और शाम के समय दीपदान करना पुण्यकारी माना जाता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।