वैशाख माह में कब है मासिक शिवरात्रि ?

शास्त्रों में वर्णित है कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव एवं माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस प्रकार वैशाख महीने में 06 मई को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव एवं माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव संग माता पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनने लगते हैं। अत: साधक मनोकामना पूर्ति हेतु मासिक शिवरात्रि पर विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं शुभ योग जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के अनुसार 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी शुरू होगी और अगले दिन 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में होती है। अतः 06 मई को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।

भद्रावास योग

ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग शाम 05 बजकर 43 मिनट से लेकर देर रात तक है। इस समय भद्रा स्वर्ग लोक में रहेंगी। शास्त्रों में निहित है कि भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी के समस्त प्राणियों का कल्याण होता है।

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