सनातन धर्म में शिवलिंग को भगवान शिव का ही स्वरूप माना गया है। माना जाता है कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने मात्र से शिव जी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़े हुए जल को किस तरह इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इसका पूरा लाभ मिल सके।
शिव पुराण में बताया गया है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। कई लोगों में इस बात को लेकर संशय बना रहता है कि शिवलिंग पर चढ़े हुए जल का क्या करना चाहिए। चलिए जानते हैं कि इस विषय में शिव पुराण क्या कहता है।
जल पीना शुभ या अशुभ
शिवलिंग पर चढ़े हुए जल को चरणामृत के समान माना जाता है। ऐसे में आप इस जल को आप प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं। इसका वर्णन शिव पुराण के 22 अध्याय के 18 श्लोक में भी मिलता है, जिसके अनुसार, शिवलिंग का जल पीने से व्यक्ति को कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
करें ये काम
शिवलिंग पर चढ़ाए गए जल को कभी भी फेंकना नहीं चाहिए। इस जल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद उस जल को सबसे पहले अंगुलियों में लेकर अपनी आंखों पर लगाएं और इसके बाद कंठ और माथे से लगाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को कई प्रकार के ग्रह दोषों से छुटकारा मिल सकता है।
रखें इस बात का ध्यान
इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही शिवलिंग पर जल अर्पित करें। शिवलिंग का जल पीते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि वह जल किसी के पैरों पर न गिरे। साथ ही इस जल को पीते समय शिवलिंग को भी स्पर्श नहीं करना चाहिए। वरना इससे आपको इसका पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
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