मई में कब मनाई जाएगी शनि जयंती?

सनातन धर्म में शनि जयंती का बेहद खास महत्व है। शनि देव की उपासना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शनि की पूजा भाव के साथ की जाए तो वे प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं शनि जयंती की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

 सनातन धर्म में शनि जयंती का बेहद खास महत्व है। इस दिन स्नान, ध्यान, पूजा और तप करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि जयंती के दिन भगवान शनि देव की पूजा करने से शनि की महादशा से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं शनि जयंती की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

शनि जयंती 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या तिथि की शुरुआत 07 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होगी और इसका समापन 08 मई को सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए, शनि जयंती 08 मई को मनाई जाएगी।

शनि जयंती पूजा विधि

शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर साफ काले रंग का कपड़ा बिछाकर शनिदेव की प्रतिमा विराजमान करें। अब शनि देव की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें और उन्हें गंध, पुष्प, धूप, दीप अर्पित करें। सरसों के तेल का दीपक जलाकर आरती करें। प्रभु के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद मिठाई या इमरती का भोग लगाएं। शनि जयंती के अवसर भगवान हनुमान जी की पूजा-अर्चना करना भी उत्तम माना जाता है। इसलिए शनि देव की उपासना के साथ बजरंगबली की पूजा भी विधिपूर्वक करें।

शनि गायत्री मंत्र

ओम भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि आह्वान मंत्र

नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |

चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||

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