मई में कब है कालाष्टमी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जो साधक इस दिन का व्रत रखते हैं और सुबह उठकर भैरव मंदिर जाकर विधिपूर्वक पूजा करते हैं भैरव बाबा उनकी सदैव रक्षा करते हैं। साथ ही भय और बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं। यह पर्व हर माह मनाया जाता है। वैशाख माह में यह व्रत 01 मई 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा।

हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का पर्व बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप भगवान भैरव की पूजा होती है। ऐसा कहा है कि जो भक्त इस दिन का उपवास रखते हैं और सुबह उठकर भैरव मंदिर जाकर विधिपूर्वक पूजा करते हैं भैरव बाबा उनकी सदैव रक्षा करते हैं। साथ ही भय और बाधाओं को दूर करने में उनकी मदद करते हैं।

यह पर्व हर माह मनाया जाता है। वैशाख माह में यह व्रत 01 मई, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। अगर आप भैरव बाबा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो आपको इस दिन से जुड़ी कुछ विशेष बातों को अवश्य जान लेना चाहिए, जो इस प्रकार हैं –

कालाष्टमी 2024 कब है?

वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 01 मई प्रात: 05 बजकर 45 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 02 मई प्रात: 04 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में कालाष्टमी 01 मई को मनाई जाएगी। अगर आप इस दिन का उपवास रखते हैं, तो आपको तिथि और समय का खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इसी के अनुसार व्रत मान्य होगा।

मासिक कालाष्टमी पूजा विधि

साधक सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। फिर अपने घर व मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें। एक वेदी पर भगवान भैरव की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत से उनका अभिषेक करें। इसके बाद प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। इत्र लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।

चंदन का तिलक लगाएं। फल-मिठाई इत्यादि चीजों का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भाव के साथ करें। आरती से अपनी पूजा समाप्त करें। अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गरीबों को भोजन खिलाएं और वस्त्र बांटे।

मासिक कालाष्टमी पर करें इन मंत्रों का जाप

  • ओम भयहरणं च भैरव:
  • ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि
  • ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय। कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा
रात को भूलकर भी न छोड़े जूठे बर्तन
मई में कब-कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत?

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