आज ज्येष्ठ माह का पांचवां बड़ा मंगल मनाया जा रहा है। यह दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी दुखों का अंत होता है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली का आगमन होता है। इसे बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है, तो आइए इस दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।
पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ से लेकर कोई भी शुभ काम कर सकते हैं।
पांचवे बड़े मंगल की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर की अच्छी तरह सफाई करें और गंगाजल पूरे घर में छिड़कें।
एक वेदी पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें।
उन्हें लाल फूल, सिंदूर, चमेली का तेल, तुलसी की माला, लाल चोला और लड्डू आदि चीजें चढ़ाएं।
चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें।
पूजा का समापन हनुमान जी की आरती से करें।
इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहें।
अंत में पूजा में हुई सभी भूलचूक के लिए माफी मांगे।
हनुमान जी भोग
पांचवे बड़े मंगल के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर हनुमान मंदिर जाएं या घर पर ही उन्हें, लड्डू, इमरती, मीठा पान और गुड़-चने आदि का भोग लगाएं। इसके अलावा आप घर पर बनी मिठाई भी चढ़ा सकते हैं। इससे भगवान हनुमान की कृपा मिलती है।
पूजन मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय
महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
ॐ अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम् दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम् रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।