घर में किस दिशा में बनवाएं सीढ़ियां, यदि वास्तु दोष हैं तो कैसे करें दूर

सीढ़ियां इंसान को ऊपर भी ले जाते हैं और नीचे भी। यह सीढ़ियां ही तय करती हैं कि क्या आप जिंदगी में ऊपर उठेंगे या नीचे जाएंगे। दरअसल, आप सोच रहे होंगे घर की सीढ़ियों का आपका जीवन और प्रोफेशनल लाइफ से क्या लेना देना है। 

हम आपको बता दें कि वास्तु शास्त्र में सीढ़ियों (Internal staircase vastu tips) को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। सीढ़ियां यदि सही दिशा में और सही संख्या में हो, तो इंसान को करियर में जीवन में सफलता मिलती है। पारिवारिक सुखों में वृद्धि होती है। यदि सीढ़ियां (vastu tips for staircase placement) गलत दिशा में बनी हों, तो वह आपके जीवन में पतन का कारण भी बन सकती हैं। 

आएए जानते हैं आपको घर में किस दिशा में सीढ़ियां बनवानी चाहिए और उनकी संख्या कितनी होनी चाहिए। यदि आपके घर में पहले से ही सीढ़ियां बनी हुई है और उसमें कोई वास्तु दोष है, तो उसे दूर करने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं। 

इन दिशाओं में बनवाएं सीढ़ियां 

यदि आप नया घर बनवा रहे हैं, तो आपके पास यह मौका है कि आप सीढ़ियों की दिशा (vastu rules for stairs) का सही चुनाव कर सकते हैं। सीढ़ियां बनाने के लिए दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम की दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के हिसाब से इस दिशा में सीढ़ियां होने से व्यक्ति के जीवन में तरक्की होती है। 

यदि सीढ़ियां उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा में बनी हुई हैं, तो यह परिवार की उन्नति को रोक देती हैं। उसमें बाधा आने लगती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव घर के मुखिया पर पड़ता है। 

सीढ़ियों की संख्या रखें विषम

सीढ़ियों को बनवाने के लिए हमेशा दक्षिणावर्ती यानी क्लाकवाइज दिशा में ही चढ़ते हुए बनाना चाहिए। इनकी संख्या हमेशा विषम यानी 11, 13, 15, 17, 19 होनी चाहिए। यदि इनको सम संख्या में रखा जाए, तो यह लाभ पहुंचाने की जगह हानि पहुंचाने लगती हैं। सीढ़ियों की संख्या कभी भी 12, 14 या 16 नहीं होनी चाहिए। यह भी पढ़ें- 

सीढ़ियों के वास्तु दोष को ऐसे करें दूर 

यदि सीढ़ियां बनाते समय कोई वास्तु दोष हो गया है तो उसको हटाने के लिए घर के ब्रह्म स्थान यानी घर के बीचों बीच में पीले रंग का पेंट करवा दें। इसके साथ ही वहां पर रोजाना कपूर जालना शुरू कर दें। इससे काफी हद तक वास्तु दोष में कमी आती है। नकारात्मकता दूर होने से परिवार में उन्नति होना शुरू हो जाती है। 

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