बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को अधिक प्रिय है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे घर में रखने से सुख-शांति का वास होता है और घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही वास्तु दोष की समस्या से छुटकारा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि बांसुरी की मधुर धुन भक्तों को कृष्ण भक्ति का अहसास कराती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी कैसे प्राप्त हुई। अगर नहीं पता, तो ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, समय-समय पर देवताओं पर जन्म लिया। वहीं जब द्वापर युग के दौरान भगवान विष्णु के आठवें रूप में श्रीकृष्ण ने अवतार लिया, तो सभी देवी-देवता उनसे मिलने के लिए धरती पर आए थे। इसी दौरान देवों के देव महादेव ने भी भगवान श्रीकृष्ण से मिलने का फैसला लिया। इस दौरान उन्होंने सोचा कि भगवान श्रीकृष्ण से मिलने जाएंगे और उनके लिए क्या लेकर जाए, जो उनकी प्रिय चीज बन जाए। ऐसे में उन्हें याद आया कि उनके पास ऋषि दधीचि हड्डियां रखी हैं। ऋषि दधीचि प्रसिद्ध ऋषि थे।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऋषि दधीचि ने धर्म की रक्षा के शरीर की हड्डियों को दान में दिया था। इन्हीं हड्डियों को भगवान शिव ने बांसुरी का रूप दिया। जब महादेव धरती पर भगवान श्रीकृष्ण से मिलने आए, तो उन्होंने भगवान श्री कृष्ण ने भेंट दी। इसी तरह से भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी प्राप्त हुई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी अर्पित न करने से श्रृंगार अधूरा माना जाता है।
बिगड़े काम होंगे पूरे
अगर आप करियर और कारोबार में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो घर में बांसुरी रखें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से साधक को सभी तरह के कामों में सफलता प्राप्त होती होती है बिगड़े काम पूरे होते हैं।
जीवन में होगा खुशियों का आगमन
गृह क्लेश की समस्या से छुटकारा पाने के लिए घर बांसुरी लाएं और उसे मंदिर में रखें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को सच्चे मन से करने से जीवन में आ रही समस्या दूर होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।