कार्तिक माह में कब है तुलसी विवाह? जानें शुभ मुहूर्त और नियम

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह मनाया जाता है। इस त्योहार को जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां तुलसी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर तुलसी विवाह कराने से जीवन में आने वाले सभी तरह के संकट दूर होते है। साथ ही मां तुलसी की कृपा प्राप्त होती है।

तुलसी विवाह 2025 डेट और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि की शुरुआत 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 03 नवंबर को सुबह 05 बजकर 07 मिनट पर होगी। ऐसे में 02 नवंबर को तुलसी विवाह मनाया जाएगा।

सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 34मिनट पर

सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 35 मिनट पर

चंद्रोदय: दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर

चन्द्रास्त: 03 नवंबर को सुबह 03 बजकर 50 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

तुलसी विवाह के दिन इन बातों का रखें ध्यान
तुलसी विवाह के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मां तुलसी की पूजा-अर्चना करें।

सूर्य देव को अर्घ्य दें।

मां तुलसी को सोलह श्रृंगार और लाल चुनरी अर्पित करें।

फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।

श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी विवाह के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

पूजा के दौरान काले रंग के कपड़े धारण न करें।

किसी से वाद-विवाद न करें।

किसी के बारे में गलत न सोचें।

तुलसी स्तुति मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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