आज यानी 13 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस दिन रविवार व्रत भी किया जा रहा है और सूर्य देव के संग महादेव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से जीवन के दुख और दर्द दूर होते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों क आगमन होता है।
सावन में पहले रविवार के दिन कई योग भी बन रहे हैं। इन योग में पूजा करने से साधक को पूजा करने से दुगना फल मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं पंचांग और शुभ योग के बारे में।
तिथि: कृष्ण तृतीया
मास पूर्णिमांत: श्रावन
दिन: शनिवार
संवत्: 2082
तिथि: 14 जुलाई को कृष्ण तृतीया रात्रि 01 बजकर 02 मिनट तक
योग: प्रीति सायं 06 बजकर 01 बजे तक
करण: वणिज दोपहर 01 बजकर 26 बजे तक
करण: 14 जुलाई को विष्टि रात्रि 01 बजकर 02 मिनट तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 21 मिनट पर
चंद्रोदय: शाम 09 बजकर 22 मिनट पर
चन्द्रास्त: 14 जुलाई को सुबह 07 बजकर 41 मिनट पर
सूर्य राशि: मिथुन
चंद्र राशि: कर्क
पक्ष: कृष्ण
शुभ समय अवधि
अभिजीत: प्रात: 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 54 मिनट तक
अमृत काल: रात 08 बजकर 26 मिनट से शाम 10 बजकर 02 मिनट तक
गुलिक काल: दोपहर 03:54 बजे से 05:38 बजे तक
यमगंड: दोपहर 12:27 बजे से 02:10 बजे तक
राहु काल: सायं 05:38 बजे से 07:21 बजे तक
अशुभ समय अवधि
गुलिक काल: दोपहर 03 बजकर 54 से 05 बजकर 38 मिनट तक
यमगंड: प्रात: 12 बजकर 27 बजे से 02 बजकर 10 मिनट तक
राहु काल: सायं 05 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक
आज का नक्षत्र
आज चंद्रदेव श्रावण नक्षत्र में प्रवेश करेंगे..
श्रावण नक्षत्र: प्रात: 06 बजकर 53 मिनट तक
सामान्य विशेषताएं: सीखने की क्षमता, बुद्धिमान, सहयोगी, ज्ञानार्जन, सुनने में निपुण, आत्मविश्वास की कमी, जिज्ञासु, अत्यधिक सतर्क और जिज्ञासु
नक्षत्र स्वामी: चंद्रमा
राशि स्वामी: शनि
देवता: विष्णु (रक्षक)
प्रतीक: कान
सूर्य देव के मंत्र
ॐ सूर्यनारायणायः नमः।
ऊँ घृणि सूर्याय नमः
सूर्य ग्रह के 12 मंत्र –
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ रवेय नमः।
ॐ पूषणे नमः।
ॐ दिनेशाय नमः।
ॐ सावित्रे नमः।
ॐ प्रभाकराय नमः।
ॐ मित्राय नमः।
ॐ उषाकराय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ दिनमणाय नमः।
ॐ मार्तंडाय नमः।