हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि अगर इस दिन पर नाग देवता की पूजा-अर्चना की जाए, तो इससे साधक को महादेव की कृपा की प्राप्ति हो सकती है।
बहुत ही शुभ माना गया है। इतना ही नहीं, नाग पंचमी पर नाग देवता और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक को काल सर्प दोष से भी राहत देखने को मिल सकती है।
इस तरह करें पूजा
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर या फिर पूजा स्थल पर गोबर से या मिट्टी से नाग देवता बनाएं। अब नाग देवता को दूध, फूल और अन्य खाद्य पदार्थ अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें और अंत में नाग पंचमी की कथा सुनें।
भय होगा दूर
नाग पंचमी के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद कच्चा दूध जरूर अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ऊं नमः शिवाय मंत्र का जप भी करते रहें। ऐसा करने से साधक पर महादेव का आशीर्वाद बना रहता है और उसे सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए हमेशा तांबे के लौटे का ही इस्तेमाल करें।
जरूर चढ़ाएं ये चीजें
नाग पंचमी के शुभ अवसर पर शिवलिंग पर शहद, धतूरा और बेलपत्र आदि जरूर अर्पित करें और सुख-समृद्धि की कामना करें। इससे साधक के लिए सफलता प्राप्ति के योग बनने लगते हैं साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
समस्याओं से मिलेगी मुक्ति
नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पूजा के दौरान शिव जी को चंदन जरूर अर्पित करें। इसी के साथ शिवलिंग पर त्रिपुंड भी बनाएं। इसी के साथ आप इस दिन पर शिवलिंग पर अक्षत और कनेर के फूल भी अर्पित करने चाहिए। ऐसे करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
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