सावन (Sawan 2025) भगवान शिव का प्रिय महीना है जिसमें जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही आने वाले कष्टों का अंत होता है। इस माह में ज्यादा से ज्यादा शिव पूजन करना चाहिए क्योंकि दोगुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
सावन को भगवान शिव का प्रिय माह माना जाता है। इस दौरान भगवान का जलाभिषेक, व दुधाभिषेक रुद्राभिषेक मनोकामना पूर्ण करता है। इसके लिए लोग कांवड़ लेकर शिव मंदिर जाते हैं। भगवान शिव परोपकारी हैं। शिव के नाम का अर्थ ही कल्याणकारी है। भगवान अपने भक्तों करते हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जब पेड़-पौधों, रत्नों और आभूषणों के साथ हलाहल विष निकला था तो उससे ब्रह्मांड में हलचल मच गई थी।
उसकी एक बूंद गिरना भी पृथ्वी के सर्वनाश का कारण बन सकती थी। सभी देवी-देवता इसे ग्रहण करने से पीछे हट गए। भगवान विष्णु ने भगवान शिव से इसे ग्रहण करने का आग्रह किया। इसके बाद भगवान शिव ने इसे अपने गले में रख लिया। इसको ग्रहण करने के बाद भगवान शिव को शांत रखने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उनका पवित्र जल से स्नान करवाया।
शिव के नाम का उच्चारण
तब से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जा रहा है। इसलिए सावन में भगवान शिव का अभिषेक करने पर मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान शिव इतने दयालु हैं कि भक्तों के भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिव के नाम का उच्चारण करने से ही दुखों का निवारण हो जाता है। सावन महीने में ओम के जाप से विशेष लाभ मिलता है।
ओम जाप करने से मस्तिष्क का विकास होता है। शिवलिंग के पास सकारात्मक ऊर्जा होती है। यही कारण है कि शिवलिंग के पास बैठकर जाप करके मन शांत होता है। सावन महीने में पृथ्वी को भी शिवलिंग से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इस माह मनुष्य आध्यात्मिक ऊर्जा हासिल कर पाते हैं।