सनातन धर्म में पुत्रदा एकादशी का खास महत्व है। यह पर्व हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है।
धार्मिक मत है कि पुत्रदा एकादशी व्रत रख लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पुत्रदा एकादशी के दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। वहीं, पूजा का समापन एकादशी आरती से करें।
राशि अनुसार मंत्र जप
मेष राशि के जातक पुत्रदा एकादशी पर पूजा के समय ‘ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः और ऊँ श्री प्रकटाय नम:’ मंत्र का जप करें।
वृषभ राशि के जातक करियर में सफल होने के लिए ‘ऊँ रमायै नमः और ऊँ श्री हंसाय नम:’ मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि के जातक कारोबार में तरक्की के लिए ‘ऊँ वसुप्रदायै नमः और ऊँ श्री प्रभवे नम:’ मंत्र का जप करें।
कर्क राशि के जातक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ करुणायै नमः और ऊँ श्री श्रीपतये नम:’ मंत्र का जप करें।
सिंह राशि के जातक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ विद्यायै नमः और ऊँ श्री ईश्वराय नम:’ मंत्र का जप करें।
कन्या राशि के जातक विष्णु जी की कृपा पाने के लिए ‘ॐ महामायायै नमः और ऊँ श्री चतुर्मूर्तये नम:’ मंत्र का जप करें।
तुला राशि के जातक पुत्रदा एकादशी के दिन ‘ॐ महालक्ष्म्यै नमः और ऊँ श्री केश्वाय नम:’ मंत्र का जप करें।
वृश्चिक राशि के जातक मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए ‘ऊँ पद्मायै नमः और ऊँ श्री धनंजाय नम:’ मंत्र का जप करें।
धनु राशि के जातक विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ सुधायै नमः और ऊँ श्री गोपतये नम:’ मंत्र का जप करें।
मकर राशि के जातक मनोवांछित फल पाने के लिए ‘ऊँ लक्ष्म्यै नमः और ऊँ श्री कृष्णाय नम:’ मंत्र का जप करें।
कुंभ राशि के जातक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊँ वसुधायै नमः और ऊँ श्री विष्णवे नम:’ मंत्र का जप करें।
मीन राशि के जातक पुत्रदा एकादशी के दिन ‘ऊँ कमलायै नमः और ऊँ श्री सच्चिदानन्दाय नम:’ मंत्र का जप करें।
एकादशी माता की आरती
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता।
विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी.
तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी।
गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥
ॐ जय एकादशी…
मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी।
शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी…
पौष के कृष्णपक्ष की,सफला नामक है।
शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा,आनन्द अधिक रहै॥
ॐ जय एकादशी…
नाम षटतिला माघ मास में,कृष्णपक्ष आवै।
शुक्लपक्ष में जया, कहावै,विजय सदा पावै॥
ॐ जय एकादशी…
विजया फागुन कृष्णपक्ष मेंशुक्ला आमलकी।
पापमोचनी कृष्ण पक्ष में,चैत्र महाबलि की॥
ॐ जय एकादशी…
चैत्र शुक्ल में नाम कामदा,धन देने वाली।
नाम वरूथिनी कृष्णपक्ष में,वैसाख माह वाली॥
ॐ जय एकादशी…
शुक्ल पक्ष में होयपुत्रदा अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।
नाम निर्जला सब सुख करनी,शुक्लपक्ष रखी॥
ॐ जय एकादशी…
योगिनी नाम आषाढ में जानों,कृष्णपक्ष करनी।
देवशयनी नाम कहायो,शुक्लपक्ष धरनी॥
ॐ जय एकादशी…
कामिका श्रावण मास में आवै,कृष्णपक्ष कहिए।
श्रावण शुक्ला होयपवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी…
अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की,परिवर्तिनी शुक्ला।
इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में,व्रत से भवसागर निकला॥
ॐ जय एकादशी…
पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में,आप हरनहारी।
रमा मास कार्तिक में आवै,सुखदायक भारी॥
ॐ जय एकादशी…
देवोत्थानी शुक्लपक्ष की,दुखनाशक मैया।
पावन मास में करूंविनती पार करो नैया॥
ॐ जय एकादशी…
परमा कृष्णपक्ष में होती,जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होयपद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
ॐ जय एकादशी…
जो कोई आरती एकादशी की,भक्ति सहित गावै।
जन गुरदिता स्वर्ग का वासा,निश्चय वह पावै॥
ॐ जय एकादशी…