ये लक्षण पितृ दोष का देते हैं संकेत

हर महीने में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और पितरों की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन कैसे करें पितरों को प्रसन्न।

वैदिक पंचांग के अनुसार, 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएगी। अमावस्या का दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को जीवन में सभी सुख मिलते हैं। साथ ही पितरों की कृपा से बिगड़े काम पूरे होते हैं।

ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष लगने पर जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आप मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन इस आर्टिकल में बताए गए उपाय को जरूर करें। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी और शुभ फल प्राप्त होगा।

मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 डेट और

मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि की शुरुआत- 19 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर
मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि का समापन- 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर

पितृ होंगे प्रसन्न

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान, और श्राद्ध कर्म करें। उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

पीपल के पेड़ के पास जलाएं दीपक

धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीपल के पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक जलाने के बाद पेड़ की 5 या 7 बार परिक्रमा लगाएं। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से दोष से मुक्ति मिलती है।

सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि

पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए अमावस्या के दिन मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृ दोष से राहत मिल सकती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

पितृ के लक्षण
घर में लड़ाई-झगड़ा होना।
संतान प्राप्ति में समस्या आना।
कारोबार में गिरावट आना।
तुलसी का अचानक से सूख जाना।
विवाह में देरी का सामना करना।
आर्थिक तंगी।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।
परिवार में छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होना।

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