चाणक्य नीति: किन बातों से संतुष्ट होना चाहिए, किन से नहीं

chankya-nertit_1452498752चाणक्य के एक दोहे से समझा जा सकता है कि मनुष्य को किन चीजों से संतोष रखना चाहिए और किन चीजों से कभी भी संतुष्ट नहीं होना चाहिए-
 
तीन ठौर संतोष कर, तिय भोजन धन माहिं।
दानन में अध्ययन में, जप में कीजै नाहिं।।
 
इन तीन चीजों से संतुष्ट रहना चाहिए

1. अपनी स्त्री (पत्नी)

हर व्यक्ति को अपनी पत्नी से ही संतुष्ट रहना चाहिए। दूसरी स्त्रियों के पीछे नहीं भागना चाहिए। दूसरी स्त्रियों पर ध्यान देने वाले व्यक्ति की पत्नी उससे नाराज रहती है। ऐसे में कई बार पति-पत्नी का रिश्ता तक टूट जाता है। इसीलिए अपने वैवाहिक जीवन को सुखी बनाए रखने के लिए व्यक्ति को अपनी पत्नी से संतुष्ट रहना चाहिए।
 
संस्कृति और उल्लास का पर्व है लोहड़ी
श्रीराम से थी विवाह की चाह, कल्कि अवतार में होगी पूरी!

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