असाध्य रोग, शारीरिक कष्ट, मानसिक अशांति, व्यापार में रुकावट होने पर श्रीराम के परमभक्त मंगलमूर्ति मारुति नंदन श्री हनुमान जी की सेवा व पूजा से लाभ मिलता है। श्री हनुमान जी की उपासना के समय बजरंग बाण का विधिपूर्वक श्रद्धाभाव से पाठ करना विशेष फलदायी होता है।
मंगलवार या शनिवार के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर हनुमानजी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें तथा बैठने के लिए लाल रंग के आसन का प्रयोग करें। हनुमानजी की उपासना एवं बजरंग बाण के पाठ से पूर्व शुद्ध तिल का तेल भर दें तथा कच्चे लाल रंग में रंगे सूत की पंचमुखी बत्ती बनाकर दीपक में डालकर प्रज्जवलित करें।
शुद्ध गूगल की धूनी, धूप, लाल रंग के पुष्प, लाल चंदन या रोली आदि से हनुमानजी की ध्यान मग्न होकर उपासना करते हुए बजरंग बाण का पाठ शुरू करें। एक ही बैठक में बजरंग बाण का 108 बार पाठ करना ज्यादा लाभ देता है। इसके अलावा हनुमान चालीसा और श्रीरामस्रोत का पठन भी जीवन जातक को कुप्रभावों से दूर रखता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।