रामायण के बारे में हम सभी जानते हैं और उससे जुड़ी प्रसंग के बारे में भी जानते हैं| आज हम रामायण से ही जुड़ी एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं| इस बात को आप शायद ही जानते हो की भगवान राम ने अपने अनुज भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड की सजा दी थी| तो आइए जानते हैं उस घटना के बारे में, यह घटना उस समय की हैं जब भगवान राम जी लंका पर विजय हासिल करके अयोध्या लौटे थे|
बताया जाता हैं की एक बार यम देवता भगवान राम से किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करने के लिए उनके पास आए थे लेकिन यम देवता की एक शर्त थी जब हम दोनों की बात चल रही होंगी तब बीच में कोई तीसरा व्यक्ति नहीं आयेगा| यदि वह आता हैं और उसने हमारी बाते सुनी तो आपको (राम) उस व्यक्ति को मृत्युदंड देना होगा|
भगवान राम ने यम देवता की यह शर्त मान ली और अपने अनुज भाई लक्ष्मण को आदेश दिया की जब तक हमारे यानि (यम और राम) के बीच बाते चल रही हैं तब तक आप हमारे द्वारपाल बन जाइए और इस बीच किसी को अंदर नहीं आने दीजिएगा नहीं तो मुझे शर्त के अनुसार उसे मृत्युदंड देना होगा| जैसे ही बातचीत शुरू हुयी वैसे ही महर्षि दुर्वासा का आगमन हुआ| लक्ष्मण ने राम की आज्ञा का पालन करते हुये उन्हें रोका लेकिन उन्होने अयोध्या को भस्म करने की धमकी दे दी
इस स्थिति को देखकर लक्ष्मण जी ना चाहते हुये भी यम और राम के बातचीत के दौरान गए| इससे राम और यम बहुत क्रोधित हुये| लक्ष्मण जी ने सारी बाते बताई लेकिन राम जी ने यम को वचन दिया था| इस मुश्किल घड़ी में राम जी ने अपने गुरुदेव को याद किया| बताया जाता हैं की उन्हें गुरुदेव का सुझाव मिला की राम लक्ष्मण को त्याग दे लेकिन इस बात को लक्ष्मण मानने को तैयार नहीं थे| अपने बड़े भाई राम के आदेशो का पालन करते हुये लक्ष्मण जी ने जलसमाधि ले ली
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।