हनुमानजी को राम का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। हनुमान सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं। हनुमान के बगैर न तो राम हैं और न रामायण। कहते हैं कि दुनिया चले न श्रीराम के बिना और रामजी चले न हनुमान के बिना।

जब रावण पंचवटी (महाराष्ट्र में नासिक के पास) से माता सीता का अपहरण कर श्रीलंका ले उड़ा, तब राम और लक्ष्मण जंगलों की खाक छानते हुए माता सीता की खोज कर रहे थे। ऐसे कई मौके आए, जब उनको हताशा और निराशा हाथ लगी।
इस दौरान कई घटनाएं घटीं। एक और जहां सीता की खोज में राम वन-वन भटक रहे थे तो दूसरी और किष्किंधा के दो वानरराज भाइयों बाली और सुग्रीव के बीच युद्ध हुआ और सुग्रीव को भागकर ऋष्यमूक पर्वत की एक गुफा में छिपना पड़ा। इस क्षेत्र में ही एक अंजनी पर्वत पर हनुमान के पिता का भी राज था, जहां हनुमानजी रहते थे।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।