आप सभी को बता दें कि हिन्दू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत रखा जाता है जो इस बार 9 अगस्त यानी आज है. वहीं हिंदू धर्म में वरलक्ष्मी व्रत को बहुत ही पवित्र व्रत माना जाता है और ऐसे में इस दिन पूजा के बाद यह कथा सुननी चाहिए जो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. इसे सुनने मात्र से सारे कष्ट कट जाते हैं. आइए जानते हैं.
वरलक्ष्मी व्रत कथा क्या है – पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मगध राज्य में कुंडी नामक एक नगर हुआ करता था. कथानुसार कुंडी नगर का निर्माण स्वर्ग से ही हुआ था. इस नगर में एक ब्राह्मणी नारी चारुमति अपने परिवार के साथ रहती थी. चारुमति कर्त्यव्यनिष्ठ नारी थी जो अपने सास, ससुर एवं पति की सेवा और मां लक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना कर एक आदर्श नारी का जीवन अच्छे से व्यतीत करती थी.
एक रात की बात है जब चारुमति को मां लक्ष्मी स्वप्न में आकर बोली, चारुमति हर शुक्रवार को मेरे निमित्त मात्र वरलक्ष्मी व्रत को किया करो. इस व्रत के प्रभाव से तुम्हे मनोवांछित फल की प्राप्ति अवश्य होगी. फिर क्या अगले ही सुबह चारुमति ने मां लक्ष्मी द्वारा बताये गए वर लक्ष्मी व्रत को समाज के अन्य नारियों के साथ विधिवत पूजन किया. पूजन के संपन्न होने पर सभी नारियां कलश की परिक्रमा करने लगीं, परिक्रमा करते समय समस्त नारियों के शरीर विभिन्न स्वर्ण आभूषणों से सज गए.
और तो और उनके घर भी स्वर्ण के बन गए तथा उनके यहां घोड़े, हाथी, गाय आदि पशु भी आ गए. सभी नारियां चारुमति की प्रशंसा करने लगीं, क्योंकि वह चारुमति ही थी, जिसने उन्हें इस व्रत विधि के बारे में बताया था. कालांतर में यह कथा भगवान शिव जी ने माता पार्वती को कहा था कि इस व्रत को सुनने मात्र से ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति अवश्य होती है.
 Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
