शास्त्र श्रीमद्भागवत के अनुसार सूर्यदेव ने सत्राजित के तपस्या से प्रसन्न होकर उसे स्यमंतक मणि प्रदान की थी। स्यमंतक मणि का प्रकाश सूर्यदेव के सामान तेजवान था तथा वह मणि जिस स्थान पर स्थापित होती थी उस जगह के सारे कष्ट हर लेती थी तथा स्यमंतक मणि नित्य अपने धारक को अपने भार के बराबर आठ गुणा सुवर्ण प्रदान करती …
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ज्योतिषियों की भविष्यवाणियां आपके लिए कितना फायदेमंद है
ज्योतिष के विद्वानों और मनीषियों का मानना है कि ज्योतिष विद्या से सृष्टि के रहस्य की छानबीन की जा सकती है। उनका पता लगाया जा सकता है। सिद्धान्त ज्योतिष के ग्रंथों में सृष्टि के विवेचन से भी यही लगता है। लेकिन विश्वास के साथ यह कहना अभी कठिन है। क्योंकि इस तरह के कोई प्रमाण अभी नहीं मिल रहे। इस …
Read More »सीता संग अधिष्ठाता रघुनाथ गर्भ गृह में विराजमान
कुल्लू । हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के अधिष्ठाता रघुनाथ जी पिछले साल 10 दिसंबर को हुई चोरी की वारदात के बाद फिर माता सीता के साथ रघुनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराज गए हैं। वीरवार को महायज्ञ एवं प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हो गया। रघुनाथ जी छड़ी बरदार महेश्वर सिंह और कारदारों ने यह आयोजन संपन्न करवाया। महायज्ञ एवं …
Read More »अक्षयकुमार रावण का सबसे छोटा पुत्र था, हनुमानजी ने क्यों किया उनका वध
अक्षयकुमार रावण का सबसे छोटा पुत्र था। उसकी वीरता देवों के समान थी। वह अपने पिता रावण की आज्ञा से आठ घोड़ों वाले, कनकमय रथ पर सवार होकर हनुमानजी से लड़ने गया था। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में इस प्रसंग का बहुत ही अद्वितीय तरीके से वर्णित किया है। उन्हीं के शब्दों में, ‘जिस रथ पर अक्षय कुमार बैठा है …
Read More »घर में होने लगें ये काम तो समझ जाएं शनिदेव व लक्ष्मी हैं आप पर मेहरबान
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धन वैभव और सुख के लिए जन्मकुंडली में मौजूद धनदायक योग महत्वपूर्ण होता हैं। जन्मकुंडली एवं चंद्र कुंडली में विशेष धन योग तब बनते हैं जब लग्न व चंद्र कुंडली में धनेश एकादश भाव में हो व लाभेश दूसरे भाव में स्थित हो अथवा धनेश व लाभेश एक साथ होकर भगेश द्वारा दृष्ट हो तो व्यक्ति धनवान …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।