Web_Wing

श्रीकृष्ण के जीवन के अनजाने, आश्चर्जनक एवं दुर्लभ तथ्य

कॄष्ण के जन्म के समय और उनकी आयु के विषय में पुराणों व आधुनिक मिथकविज्ञानियों में मतभेद हैं। हालाँकि महाभारत के समय उनकी आयु ७२ वर्ष बताई गयी है। महाभारत के पश्चात पांडवों ने ३६ वर्ष शासन किया और कृष्ण की मृत्यु के तुरंत बाद ही उन्होंने भी अपने शरीर का त्याग कर दिया। इस गणना से कृष्ण की आयु …

Read More »

महाभारत युद्ध से पहले ही श्रीकृष्ण ने इनको निपटा दिया था वरना हो जाता गजब

महाभारत में कई महान योद्धाओं ने युद्ध लड़ा था। कौरवों की सेना पांडवों की सेना से कहीं ज्यादा शक्तिशाली थी। लेकिन कौरवों की ओर से लड़ने वाले कुछ और भी महान योद्धा थे जिनको महाभारत के युद्ध के पहले ही भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी युक्ति से निपटा दिया था। यदि वे ऐसा नहीं करते या नहीं कर पाते तो आज महाभारत का …

Read More »

अर्जुन से बदला लेने के लिए जब कर्ण के तूणीर में पहुंचा एक जहरीला सर्प

महाभारत से इतर भी हमें महाभारत के संबंध में कुछ कथाएं मिलती हैं। उन्हीं में से एक कथा है कर्ण और सर्प के बारे में। लोककथाओं के अनुसार माना जाता है कि युद्ध के दौरान कर्ण के तूणीर में कहीं से एक बहुत ही जहरीला सर्प आकर बैठ गया। तूणीर अर्थात जहां तीर रखते हैं, जिसे तरकश भी कहते हैं। यह पीछे पीठ पर …

Read More »

जानिए कैसे मनाएं होलाष्टक? इन 8 दिनों में न करें शुभ कार्य, वर्ना हो सकती है बड़ी हानि

होलाष्टक को ज्योतिष की दृष्टि से एक होलाष्टक दोष माना जाता है जिसमें विवाह, गर्भाधान, गृह प्रवेश, निर्माण, आदि शुभ कार्य वर्जित हैं। भारतीय मुहूर्त विज्ञान व ज्योतिष शास्त्र प्रत्येक कार्य के लिए शुभ मुहूर्तों का शोधन कर उसे करने की अनुमति देता है। वर्ष 2019 में होलाष्टक 13 मार्च, बुधवार से शुरू होकर 20 मार्च, बुधवार तक का समय होलाष्‍टक का रहेगा। 20 मार्च …

Read More »

होलाष्टक कब है? इन खास तारीखों में न करें कोई भी शुभ काम, वरना होगा नुकसान

इस साल होलाष्टक 13 मार्च 2019, बुधवार से शुरू होगा। 13 मार्च से 20 मार्च तक होलाष्‍टक रहेगा। 20 मार्च को होलिका दहन के साथ यह समाप्‍त होगा। होलाष्‍टक के दिनों में सभी तरह के शुभ कार्य वर्जित होते हैं। होलाष्टक क्यों माना जाता है अशुभमान्यता है कि भक्त प्रह्लाद की नारायण भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने होली से पहले आठ दिनों में उन्हें कई तरह …

Read More »