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यह है भीष्म पितामह की असली जीवन गाथा

भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था। वे हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पटरानी गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे। एक समय की बात है। राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा तट के पार चले गए। वहां से लौटते वक्त उनकी भेंट हरिदास केवट की पुत्री मत्स्यगंधा (सत्यवती) से हुई। मत्स्यगंधा बहुत ही रूपवान थी। उसे देखकर शांतनु उसके लावण्य पर मोहित हो …

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क्या आपको पता है कैसे हुई भीष्म पितामह की पराजय…

महाभारत युद्ध के दसवें दिन भी भीष्म पितामह ने पांडवों की सेना में भयंकर मारकाट मचाई। यह देखकर युधिष्ठिर ने अर्जुन से भीष्म पितामह को रोकने के लिए कहा। अर्जुन शिखंडी को आगे करके भीष्म से युद्ध करने पहुंचे। शिखंडी को देखकर भीष्म ने अर्जुन पर बाण नहीं चलाए और अर्जुन अपने तीखे बाणों से भीष्म पितामह को बींधने लगे। इस प्रकार बाणों से छलनी …

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भगवान शिव के 13 ऐसे दिव्य धाम जो भारत में नहीं हैं, पढ़ें विशेष जानकारी…

विदेशों में हैं शिव के अलौकिक 13 धाम, पढ़ें विशेष जानकारी… देश की धरती से दूर रहने के बाद भी संस्कार नहीं छुटते, परंपरा और रीति रिवाज नहीं छुटते। क्योंकि धर्म से जुड़ी अनुभूतियां हमारी रगों में रची बसी होती है। शिवरात्रि के आगमन के साथ ही भारत के मंदिरों में शिव के जयकारे लगने आरंभ हो जाते हैं वहीं …

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भगवान शिव ने माता पार्वती को बताए थे मृत्यु के ये 8 महत्वपूर्ण संकेत

* मृत्यु के बारे में अगर आप भी कुछ ऐसा ही महसूस करते हैं तो समझिए मृत्यु निकट है, पढ़ें 8 विशेष संकेत जब इंसान मृत्यु के बारे में बात करता है और उसके बारे में सोचता है तो उसके दिमाग में एक अजीब सा डर बैठ जाता है। हालांकि, इंसान जानता है कि जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु …

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भगवान शिव के गण वीरभद्र की उत्पत्ति कैसे हुई, जानिए रहस्य

भगवान शिव की सुरक्षा और उनके आदेश को मानने के लिए उनके गण सदैव तत्पर रहते हैं। उनके गणों में भैरव को सबसे प्रमुख माना जाता है। उसके बाद नंदी का नंबर आता और फिर वीरभ्रद्र। जहां भी शिव मंदिर स्थापित होता है, वहां रक्षक (कोतवाल) के रूप में भैरवजी की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है। भैरव दो हैं- …

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