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उज्जैन में कहां-कहां विराजित हैं काल भैरव, जानिए उनका मूल स्थान

काल भैरव जयंती 19 नवंबर 2019 को है। इस बार भैरवाष्टमी मंगलवार के दिन आ रही है। अगहन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भैरव जयंती के नाम से जानी जाती है। इस दिन मध्यरात्रि में भैरव जी के जन्म की मान्यता है। महाकाल की नगरी में भैरव पूजन की विशेष मान्यता है। इस अवसर पर उज्जैन की अष्टभैरव यात्रा का विशेष महत्व …

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देवी पार्वती दक्षिण भारत में ‘अम्मन’

पार्वती देवी को दक्षिण भारत में अम्मन के नाम से भी जाना जाता है जिन्हें ‘अम्मा” नाम से पुकारा जाता है, जो हिंदू देवी हैं और जिनमें श्रेष्ठ दैवीय ताकत और शक्ति है। हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्ण देवियों में से एक हैं वह सौम्य देवी हैं। वह हिंदू धर्म में देवी मां हैं और उनकी कई लोकप्रिय छवियां हैं। लक्ष्मी और …

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अयोध्या के हनुमानगढ़ी में हनुमान विराजे, सुल्तान को मिला आशीर्वाद

अयोध्या की सरयू नदी के दाहिने तट पर ऊंचे टीले पर स्थित हनुमानगढ़ी सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 76 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। यहां पर स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा केवल छः (6) इंच लंबी है, जो हमेशा फूलमालाओं से सुशोभित रहती है। हनुमान गढ़ी, वास्‍तव में एक गुफा मंदिर है। माना जाता है …

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भगवान विष्णु के महान भक्त भूतनाथ अलवर

भूथाथ या भूतनाथ अलवर (4203 ईसा पूर्व) बारह अलवरों में से एक है। उनका जन्म महाबलीपुरम में हुआ था। वे भगवान विष्णु के प्रति बहुत समर्पित थे, और हमेशा उनका नाम जपते रहते थे। बाहरी दुनिया से बिना किसी लगाव के केवल उनके बारे में ही सोचते रहते थे। इसलिए उन्हें भूतनाथ अलवर के रूप में जाना जाने लगा। अध्यात्मिक लेखन : भूथथ …

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जब हनुमान ने लगाई लंका में आग

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी को वीरता, भक्ति और शक्ति का परिचायक माना जाता है। हनुमान जी अत्याधिक बलशाली वीरता के प्रतीक माने जाते हे। कलयुग के देवता हनुमानजी की भक्ति और पूजा से ही नहीं, बल्कि उनके जीवन की कुछ बातें ग्रहण करने से भी हमारी परेशानियां दूर हो सकती हैं।धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास …

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