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बृहस्पति देव की पूजा और व्रत-कथा से होगी हर मनोकामना पूरी

गुरुवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है. इस पूजा से परिवार में सुख-शांति रहती है. जल्द विवाह के लिए भी गुरुवार का व्रत किया जाता है. गुरुवार व्रत की विधि: गुरुवार की पूजा विधि-विधान के अनुसार की जानी चाहिए. व्रत वाले दिन सुबह उठकर बृहस्पति देव का पूजन करना चाहिए. बृहस्पति देव का पूजन पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने …

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भगवान राम और माँ सीता से जुडी हुई हे ये महत्वपूर्ण बातें

भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र  से जुडी अनेकों बातों को संस्कृत भाषा में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित ‘रामायण’ और गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा अवधी भाषा में रचित ‘श्रीरामचरितमानस’ में ही श्रेष्ठ मानी जाती है. इन दोनो धार्मिक ग्रंथों में सबसे प्रमाणिक ‘रामायण’ को माना गया है. लेकिन इन दोनों ग्रंथों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि इनमें भगवान श्रीराम की …

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माता कैकेयी ने विवश होकर अपने प्रिय पुत्र श्रीराम को दिया था 14 वर्ष का वनवास

रामायण का सबसे नकारात्मक कैकेयी को रामायण का सबसे नकारात्मक किरदार माना जाता है। सामान्यतौर पर यही धारणा विद्यमान है कि कैकेयी की वजह से ही श्रीराम को अपने परिवार से दूर जाना पड़ा, कैकेयी के ही कारण भगवान राम को 14 वर्षों का कष्टप्रद वनवास झेलना पड़ा और साथ ही जिस राजपाठ पर उनका अधिकार था, उसे भी उन्हें …

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हर मनोकामना के लिए अलग होती है श्रीगणेश की प्रतिमायें

13 सितम्बर को गणेश चतुर्थी आने वाली है और अभी से बाज़ारों में गणेशजी की तरह तरह की प्रतिमाएं आ गई हैं जिन्हें चतुर्थी के दिन ही शुभ मुहूर्त पर लाया जाता है और घर में स्थापित किया जाता है. श्रीगणश की प्रतिमा घर में लाने का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 से 13:30 तक यानी दोपहर 11 बजकर 3 मिनट से लेकर …

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…तो इस तरह राम के दूत हनुमान ने मईया सीता का लगाया पता और रावण का किया वध

शिवपुराण के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम की सहायता करने और दुष्टों का नाश करने के लिए भगवान शिव ने हनुमान के रूप में अवतार लिया था। भगवान शिव के पसंदीदा अवतारों में हनुमान एक थे। उत्तर कांड में स्वयं श्रीराम ने अगस्त्य मुनि से कहा कि रावण पर विजय प्राप्त करने में हनुमान ने मुख्य भूमिका निभायी है। इस …

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