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जब शिव के नेत्रों से टपके आंसू और बन गई ये पवित्र चीज

भगवान शिव ने जगत के उद्धार के लिए अनेक असुरों का वध किया था। शिव की तरह ही कार्तिकेयजी ने भी असुरों का संहार कर सृष्टि का कल्याण किया। एक बार उन्होंने तारकासुर का वध किया तो उसके तीन बेटे तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली देवताओं से और भी ज्यादा शत्रुता रखने लगे। जब उन असुरों का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ …

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सच्चे संत में होती हैं ये 5 खूबियां, ऐसे करें साधु और शैतान में फर्क

जिसमें संतत्व है वही संत है। ईश्वर ने अपनी बातों को लोगों तक समझाने के लिए, उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए, व्यक्ति का विकास कैसे हो, उसके चिंतन, शरीर, धन, ज्ञान का विकास कैसे हो, उसके लिए एक प्रतिनिधि परंपरा का प्रारंभ किया, यही संत परंपरा है। जो ईश्वर की भावनाएं होती हैं, जो ईश्वर की स्थापनाएं होती …

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कहते हैं जहां शंख है, वहीं लक्ष्मी का निवास होता है

बहुत समय पहले सुदामा नाम का एक कृष्ण भक्त, राधाजी के शाप से शंखचूड़ दानवराज होकर, राजा दक्ष के वंश में जन्मा। इस दानव का भगवान श्रीकृष्ण ने किया। शंखचूड़ के वध के बाद समुद्र में उसकी बिखरी उसकी अस्थियों से शंख का जन्म हुआ और उसकी आत्मा राधा के शाप से मुक्त होकर गौलोक वृंदावन में श्रीकृष्ण के पास …

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2019 से पहले राम मंदिर बनाने का संकल्प

वाराणसी । एक बार फिर विश्व हिन्दू परिषद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुखर हो रही है। रविवार को विहिप व बजरंग दल की काशी में हुई संयुक्त प्रांतीय बैठक में वर्ष-2019 से पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। विहिप गो व गंगा रक्षा पर भी राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी। अभियान से जन-जन …

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गुरुवार को होगा अधिक मास का समापन, इन उपायों से करें भाग्योदय

गुरुवार (16 जुलाई 2015 को) आषाढ़ के अधिक मास का समापन होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिक मास आता है। इस प्रकार 2018 में पुनः अधिक मास आएगा। वह ज्येष्ठ का अधिक मास होगा। अधिक मास में नए शुभ काम प्रारंभ नहीं किए जाते। यह मास भगवान विष्णु को विशेष प्रिय है। इस दौरान देवी-देवताओं की वंदना, …

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