गुमला। रामभक्त हनुमान अजर-अमर हैं। उनका नाम सप्त चिरंजीवियों में शामिल है। देश-दुनिया में उनके अनेक मंदिर हैं लेकिन हनुमानजी का जन्मस्थान कहां है, इसकी चर्चा कम ही होती है। झारखंड में एक गुफा के बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमानजी का जन्म हुआ था। यह स्थान गुमला जिले से करीब 21 किमी की दूरी पर …
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एक नाग वंशज की जुबानी, नागवंश की अमिट कहानी
‘नाग’ भारतीय धर्म और संस्कृति का अभिन्न अंग हैं। हमारे धर्म ग्रंतों में नागराज वासुकि, तक्षक नाग, शेषनाग और भी अन्य नागों का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। भारतीय पुरातत्ववेत्ताओं का मानना है कि भारती उप महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में बसे तक्षशिला का संबंध तक्षक नाग से है। सदियों पहले तक्षशिला के आस-पास का क्षेत्र नागों का था। धरती …
Read More »कहते हैं चाणक्य, इन 4 कामों से मिलता है सिर्फ कुछ देर का आनंद
हर धर्म की मान्यता है कि संसार और इसके सभी सुख क्षणभंगुर हैं। यहां कुछ भी स्थाई नहीं है। कालचक्र के सामने हर बलवान छोटा होता है। इसलिए हमारे प्राचीन ग्रंथों में परोपकार पर बहुत जोर दिया गया है, क्योंकि जीवन का अंतिम क्षण कौनसा होगा, यह कोई नहीं जानता। आचार्य चाणक्य ने भी अपने अनुभव के आधार पर …
Read More »यहां मिले हैं रामायण के अकाट्य प्रमाण, देखकर आप भी करेंगे राम की शक्ति को प्रणाम
रामायण भगवान श्रीराम की लीला का संग्रह मात्र नहीं है। यह कथा सिद्ध करती है कि सत्य की ध्वजा एक दिन बुलंदियां छूती है और असत्य न केवल खुद नष्ट होता है, बल्कि वे तमाम लोग भी उसके साथ नष्ट हो जाते हैं जो उसके पक्षधर थे। सदियां बीत जाती हैं परंतु सत्य की महत्ता कभी समाप्त नहीं होती। …
Read More »मिस्त्र का पहला व्यक्ति जिसने देवत्व को पहचाना
प्राचीन मिस्त्र के साम्राज्यवादी युग में ‘अमेनहोतेप’ चतुर्थ जिसे ‘अखातन’ भी कहा जाता है ने एटन (सूर्य) नाम से एक देवता की पूजा शुरू की थी। इस तरह मिस्त्र में एकेश्वरवादी विचारधारा को बल मिला। ‘फरोआ अखातन’ ने मिस्त्र के परम्परावादी धर्म में क्रांतिकारी परिवर्तन किए। उसने सूर्य(एटन) को समूचे विश्व का एकमात्र देवता घोषित कर दिया, वह अपने भाषणों …
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