चुनार। समाज के लोगों को अपने जीवन में प्रभु श्रीरामचंद्र के आदर्शों को उतारने की जरूरत है। श्रीराम ने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राजगद्दी का त्याग करके चौदह वर्षों के लिए वनवास चले गये। रामलीला हमें यह प्रेरणा देती है कि हम सब श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करें। यह बातें मंगलवार की रात श्री राघवेंद्र रामलीला …
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प्रभु श्रीराम ने किया मईया सीता का वरण…
आजमगढ़। श्रीरामलीला समिति पुरानी कोतवाली के तत्वाधान में चल रही श्री रामलीला में शुक्रवार की रात राम विवाह-कलेवा और सीता विदाई का जीवंत मंचन हुआ। श्रीराम और सीता के विवाह के दौरान दर्शकों द्वारा लगाए जा रहे जयकारे से क्षेत्र गूंज उठा। वहीं, सीता विदाई का दृश्य देख लोग भावविभोर हो गए। श्री नरसिंह रामलीला समाज जनकरपुर बिहार से आए …
Read More »गुरुवार के दिन करें यह उपाय, घर में कभी नहीं होगी आर्थिक तंगी
दुनिया में ना जाने कितने ही लोग हैं जो आर्थिक तंगी से परेशान रहते हैं ऐसे में वह कितनी भी मेहनत कर लें लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिलता है ऐसे में एक वक्त ऐसा आता है जब इंसान परेशान हो जाता है और हताश होने लगता है. अब अगर आपके साथ भी कुछ ऐसी ही परेशानी है तो आज हम …
Read More »राम हैं वैद्य और राम-नाम है रामबाण औषधि…
रघुवर तुमको मेरी लाज । हौं तौं पतित पुरातन कहये, पार उतारो जहाज ।। उनके जीवन के अंतिम शब्द थे—‘रा……म हे…….रा…….।’ राम-नाम कैसे करता है रोग का इलाज ‘रा’ अक्षर के कहत ही निकसत पाप पहार । पुनि भीतर आवत नहिं देत ‘म’कार किंवार ।। अर्थात्—‘रा’ अक्षर के कहते ही सारे पाप शरीर से बाहर निकल जाते हैं और वे दुबारा शरीर …
Read More »आखिर क्यों जरूरी है शक्ति की सााधना में माता गायत्री का अनुष्ठान…
मानवी काया की अयोध्या में नौ द्वार (इंद्रियां) हैं। नवरात्रि के दिनों में अनुष्ठान करते हुए एक-एक रात्रि में एक-एक इंद्री के बारे में विचार करते हुए, उन पर संयम और सामर्थ्य को उभारना है। यही शक्ति की साधना का मर्म है। नवरात्र की साधना-उपासना ऋतुसंधि की वेला में की जाती है। ऋतुसंधि अर्थात जब दो ऋतुएं मिल रही हों। …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।