मौसम प्रकृति की निरंतरता की अभिव्यक्ति है। प्रकृति की यह निरंतरता मनुष्य से संवेदनशीलता की आशा रखती है। बरसात का मौसम तो मनुष्य और प्रकृति के संवेदनशील संबंधों का चरम है। यह ऋतु मनुष्य को सामंजस्य सिखाती है। अपने परिवेश के प्रति जागरूक करती है। सामंजस्य के लिए जिस सहजता की आवश्यकता है, वह धीरज रखने से ही संभव है। …
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कथाः पारस पत्थर भी नहीं डिगा सका इस संत का ईमान
संत रैदास फटे जूते की सिलाई में ऐसे तल्लीन थे कि सामने कौन खड़ा है, इसका उन्हें भान भी न हुआ। आगंतुक भी कब तक प्रतीक्षा करता, उसने खांसकर रैदास का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। रैदास ने दृष्टि ऊपर उठाई। सामने एक सज्जन थे। उन्हें देख वे हड़बड़ा कर खड़े हो गए और विनम्रतापूर्वक बोले, क्षमा करें, मेरा ध्यान …
Read More »भगवान की कृपा चाहिए तो ध्यान रखना चाहिए ये बातें
भगवान की कृपा से इच्छाएं पूरी करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन सभी लोगों की इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती है। भगवान को प्रसन्न करने के लिए हमारा भाव भी ऐसा होना चाहिए कि हम कृपा को प्राप्त कर सके। अहंकार को जितनी जल्दी छोड़ेंगे, परमात्मा की कृपा उतनी ही जल्दी प्राप्त की जा सकती है। …
Read More »ज्योतिष एवं पौराणिक संदर्भों में अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ शिवलिंग हिम से निर्मित होता है। यह शिवलिंग अन्य शिवलिंगों की भांति साल भर नहीं रहता है। वर्ष के कुछ महीनों में यहां हिम से स्वयं शिवलिंग का निर्माण होता है। स्वयं हिम से निर्मित शिवलिंग होने के कारण इसे ‘स्वयंभू हिमलिंग शिवलिंग भी कहा जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा से शिवलिंग का निर्माण होने लगता है जो श्रावण पूर्णिमा …
Read More »बिग बैंग कहें या शिव की गर्जन
योगिक विज्ञान में भगवान शिव को रूद्र कहा जाता है। रूद्र का अर्थ है वह जो रौद्र या भयंकर रूप में हो। शिव को सृष्टि -कर्ता भी कहा जाता है। आइये जानते हैं कि कैसे शिव के इन्हीं दोनों पक्षों के मेल को ही विज्ञान बिग-बैंग का नाम दे रहा है… आपको पता है आजकल वैज्ञानिक कह रहे हैं कि …
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