ग्वालियर। माना जाता है कि जिस पर पवनपुत्र हनुमानजी की कृपा होती है, उस पर शनिदेव भी अवश्य कृपा करते हैं। हनुमानजी के भक्त पर शनिदेव कभी कुपित नहीं होते। यूं तो शनिदेव और हनुमानजी के अनेक प्रसिद्ध मंदिर हैं। उनमें से मध्यप्रदेश में ग्वालियर के निकट एंती गांव में स्थित शनिदेव का मंदिर बहुत खास माना जाता है। …
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औरंगजेब के अत्याचारों से यहां शिवजी ने की थी भक्तों की रक्षा
लखनऊ। प्राचीन काल से ही भारत में भगवान शिव के पूजन की परंपरा है। शिवजी के विभिन्न मंदिरों के साथ देश की कई ऐतिहासिक घटनाएं जुड़ी हुई हैं। इनमें कई मंदिर रामायण एवं महाभारत काल के भी हैं। इन मंदिरों में दर्शन-पूजन के समय श्रद्धालु प्राचीन इतिहास की भी चर्चा करते हैं। ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर उत्तरप्रदेश के …
Read More »पुण्य के लिए करें माता-पिता की पूजा
गायत्री परिवार व गौरेश्वर विकास समिति के तत्वावधान में जारी शिवकथा में कथाकार गिरी बापू ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि माता-पिता का सम्मान व पूजन करने से ही पुण्य मिलता है। दक्ष ने पिता ब्रह्मा की खूब सेवा की। सती ने शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए पिता दक्ष प्रजापति से हिमालय में …
Read More »द्रोपदी ही नहीं पांडवों की ये भी थीं पत्नियां
युधिष्ठिर, महाभारत के मुख्य पात्रों मे से एक हैं। उनका एक नाम धर्मराज भी है। वह यमराज के अंश अवतार माने जाते हैं। यदुकुल और चंद्रवंश में जन्में युधिष्ठिर के पिता पांडु थे और माता कुंती। कुंती ने जब यम का आह्ववान किया तब युधिष्ठिर जन्में थे। युधिष्ठर के थे 2 पुत्र : युधिष्ठिर के पांच भाई, अर्जुन, भीम, नकुल, …
Read More »लक्ष्मण जी ने किया था ‘अतिकाय’ का अंत
वाल्मीकि रामायण के लंकाकाण्ड में अतिकाय वध का उल्लेख है। दरअसल अतिकाय रावण का ही पुत्र था जो उसकी दूसरी पत्नी धन्यमालिनी का बेटा था। जब श्रीराम वानर सेना के साथ लंका युद्ध करने पहुंचे, तब उसने सर्वप्रथम अपने अन्य चार पुत्रों त्रिशिरा, देवान्तक, नरान्तक और अतिकाय को भेजा था। लंका के दैत्य सेनापतियों और वानर सेना के बीच भीषण …
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