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मां सीता ने दिया इस नदी को शाप आैर बदल गया इसका रास्ता

गया। वैदिक परंपरा और हिंदू मान्यताओं के अनुसार सनातन काल से श्राद्ध की परंपरा चली आ रही है। माना जाता है प्रत्येक मनुष्य पर देव ऋण, गुरु ऋण और पितृ (माता-पिता) ऋण होते हैं। पितृऋण से मुक्ति तभी मिलती है, जब माता-पिता के मरणोपरांत पितृपक्ष में उनके लिए विधिवत श्राद्ध किया जाए। आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से आश्विन महीने के …

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दुनिया का एकमात्र मंदिर जहां होती है शिव के अंगूठे की पूजा

दुनियाभर में भगवान शिव के कई मंदिर हैं। सभी मंदिर की अपनी कोई न कोई विशेषता भी है। भगवान शिव के जितने भी मंदिर हैं, सभी जगह या तो उनके शिवलिंग की पूजा की जाती है या मूर्ति की, लेकिन राजस्थान के माउंट आबू के अचलगढ़ का अचलेश्वर महादेव मंदिर बाकी सभी मंदिरों से अलग है। क्योंकि, इस मंदिर में …

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सदियों पहले चाणक्य ने बताए थे ये 7 रहस्य

अमूमन लोग आचार्य चाणक्य को कूटनीति और राजनीति के ज्ञाता मनाते हैं लेकिन आचार्य चाणक्य ने इंसानों को जीवन में सफलता के कई उपाए बताए हैं। आचार्य चाणक्य का जन्म करीब 300 ईसा पूर्व हुआ था। आचार्य चाणक्य का संबंध पाटलिपुत्र से था, जिसे उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। आचार्य चाणक्य नीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र का जनक भी हैं। उनका कहना था …

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शाही सवारी में 6 रूपों में भक्‍तों को दर्शन देंगे महाकाल

उज्जैन। राजाधिराज भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भादौ मास की अंतिम व शाही सवारी सोमवार को निकलेगी। इसमें राजा अपनी प्रजा को छह रूपों में दर्शन देंगे। देश-विदेश के हजारों भक्त दर्शन को उमड़ेंगे। शाम 4 बजे मंदिर से सवारी शुरू होगी। परंपरागत मार्गों से होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां पूजन पश्चात सवारी रात करीब 8.15 बजे मंदिर लौटेगी। भादौ कृष्ण नवमी …

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गणपति को क्यों नहीं चढ़ानी चाहिए तुलसी?

देवी-देवताओं को भोग अर्पित करने के साथ ही तुलसी भी चढ़ाई जाती है। पौराणिक मान्यता है कि तुलसी चढ़ाने से देवता तृप्त हो जाते हैं और शुभ फल देते हैं। वहीं गणेशजी को तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है। उन्हें भोग या किसी भी रूप में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। इसका कारण क्या है? वास्तव में एक पौराणिक कथा बताती …

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