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यह है वो स्थान जहा हुआ था शिव-पार्वती का विवाह

हिन्दू सभ्यता में रुद्रप्रयाग में स्थित ‘त्रियुगी नारायण’ एक ऐसी पवित्र जगह है, जहा के लिए माना जाता है कि सतयुग में जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब यह ‘हिमवत’ की राजधानी था. इस जगह पर आज भी हर साल देश भर से लोग संतान प्राप्ति के लिए इकट्ठा होते हैं और हर साल सितंबर …

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फाल्गुन मास हुआ शुरू, मौसम गर्म होने लगता है और सर्दी की होती है विदाई

हिंदू पंचाग का आखिरी महीना फाल्गुन मास होता है। इसके अलावा इसको फागुन मास भी कहा जाता है। इस माह के बाद हिंदू नववर्ष का प्रारंभ हो जाता है।इसके अलावा हिंदू पंचाग के मुताबिक नववर्ष का पहला महीना चैत्र और आखिरी फाल्गुन होता है। इस साल फाल्गुन का महीना 10 फरवरी सोमवार से प्रारंभ हो रहा है, जिसका समापन 9 …

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शिव का पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ के जाप से होगी सभी मनोकामनाएं

सभी देवी-देवताओं में भोलेनाथ को कल्याणकारी माना गया है। इसके अलावा ये थोड़ी सी भक्ति करने से जल्दी ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। वही शिवपूजा का सर्वमान्य पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’,जो प्रारंभ में ॐ के संयोग से षडाक्षर हो जाता है,इसके साथ ही भोले नाथ को शीघ्र ही प्रसन्न कर देता है। वही …

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जानें इस कलयुग में हनुमान जी की भक्ति का अद्भुत सार

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी को वीरता, भक्ति और शक्ति का परिचायक माना जाता है। भगवान शिव के रुद्रावतार माने जाने वाले हनुमान जी को बजरंग बली, पवनपुत्र, मारुती नंदन, केसरी नंदन , महावीर आदि नामों से भी जाना जाता है। हनुमान जी एक बालब्रह्मचारी हैं। हनुमान और भगवान राम की मित्रता बहुत घनिष्ट है .ये भगवान …

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जब हनुमान ने लगाई लंका में आग

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार हनुमान जी को वीरता, भक्ति और शक्ति का परिचायक माना जाता है। हनुमान जी अत्याधिक बलशाली वीरता के प्रतीक माने जाते हे। कलयुग के देवता हनुमानजी की भक्ति और पूजा से ही नहीं, बल्कि उनके जीवन की कुछ बातें ग्रहण करने से भी हमारी परेशानियां दूर हो सकती हैं।धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास …

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