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जानिए क्या है अंतिम श्राद्ध उचित विधि और मुहूर्त

17 सितंबर को श्राद्ध का आखिरी दिन है। शास्त्रों में आश्विन महीने कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मोक्षदायिनी अमावस्या और पितृ विसर्जनी अमावस्या बोला गया है। मान्यता के मुताबिक ऐसा बोला जाता है कि इस दिन मृत्यु लोक से आए हुए पितृजन वापस चले जाते है। ऐसे में इस दिन का बहुत महत्व होता है। वहीं गुरुवार का दिन …

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श्राद्ध में आखिर क्यों कुत्ते ,गाय और कौए के लिए निकला जाता है निवाला, जानिए…

श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 2 सितंबर से हुई थी श्राद्ध पक्ष में पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है श्राद्ध पक्ष से जुड़ी कई मान्यताएं हैं ऐसी ही एक परंपरा है कौए और गाय के लिए भोजन देने कि आज हम आपको बताते हैं इस परंपरा से जुड़े और मनोवैज्ञानिक और धार्मिक पक्ष। 1 कौए पितरों का स्वरूप माना …

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ये है सर्वपितृ अमावस्या के पांच शुभ मंत्र, जिससे पितृ होते है प्रसन्न

सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन और पितरों का आशीष पाने का अंतिम अवसर है। हमारे धार्मिक कार्यों की पूर्णता बगैर मंत्र के नहीं होती है। श्राद्ध में भी इनका विशेष महत्व है। अत: आप भी अपने पितरों से खुशहाल जीवन का आशीर्वाद पाना चाह‍ते हैं तो निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो …

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सर्वपितृ अमावस्या पर पूर्वजों से क्षमादान की करे विनती

आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध अमावस्या कहते हैं। यह दिन पितृपक्ष का आखिरी दिन होता है। अगर आप पितृपक्ष में श्राद्ध कर चुके हैं तो भी सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना जरूरी होता। सभी जाने और अनजाने पितरों हेतु इस दिन निश्चित ही श्राद्ध किया जाना चाहिए। इस दिन आप यदि अपने पितरों …

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विश्वकर्मा भगवान की सरल पूजा विधि और मंत्र

भगवान विश्वकर्मा यानि इस ब्रह्मांड के रचयिता। आज हम जो कुछ भी देखते हैं वो सब भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया है। माना जाता है भगवान ब्रह्मा के कहने पर विश्वकर्मा ने ये दुनिया बनाई थी। द्वारका से लेकर, भगवान शिव का त्रिशूल भी विश्वकर्मा जी ने बनाया है। भगवान विश्वकर्मा मंत्र ॐ आधार शक्तपे नम:, ॐ कूमयि नम:, ॐ …

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