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यहां राम ने ब्रह्महत्या का पाप धोया था…

हम आपको एक ऐसे सरोवर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें स्नान करने के बाद आपके सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और पुनः साफ-सुथरे मन से आप आगे का जीवन जीने के लिए अग्रसर हो सकते हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, इस सरोवर से जुड़ी कथाएं व यहां के लोगों की आस्था इस बात का प्रतीक है …

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आइये जानते हैं अद्भुत हिमालय का रहस्य

हिमालय में आज भी हजारों ऐसे स्थान हैं जिनको देवी-देवताओं और तपस्वियों के रहने का स्थान माना गया है। हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं। इस संबंध में हिन्दुओं के दसनामी अखाड़े, नाथ संप्रदाय …

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इन 10 बड़ी बाधाओं से रक्षा करते हैं बजरंगबली

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥ और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥ सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना… अर्थ- जो भी आपकी शरण में आते हैं, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और …

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शिवजी ने इस गुफा में रखा था गणेशजी का कटा हुआ मस्तक

सनातन धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर उन्होंने हाथी का मस्तक लगाया, लेकिन गणेशजी का जो मस्तक कटा था, उसे शिवजी ने एक गुफा में रख …

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वैकुंठ धाम कहां और कैसा है, जानिए रहस्य

वैकुण्ठ का शाब्दिक अर्थ है- जहां कुंठा न हो। कुंठा यानी निष्क्रियता, अकर्मण्यता, निराशा, हताशा, आलस्य और दरिद्रता। इसका मतलब यह हुआ कि वैकुण्ठ धाम ऐसा स्थान है जहां कर्महीनता नहीं है, निष्क्रियता नहीं है। कहते हैं कि मरने के बाद पुण्य कर्म करने वाले लोग स्वर्ग या वैकुंठ जाते हैं। हालांकि वेद यह नहीं कहते हैं कि मरने वे बाद लोग …

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