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हवन में ‘स्वाहा’ क्यों बोलते हैं, जानिए रहस्य…

वास्तव में अग्नि देव की पत्‍नी हैं स्‍वाहा। इसलिए हवन में हर मंत्र के बाद होता है इनका उच्‍चारण। जानिए विस्तार से… स्वाहा का अर्थ है: सही रीति से पहुंचाना। दूसरे शब्दों में कहें तो जरूरी पदार्थ को उसके प्रिय तक सुरक्षित पहुंचाना। श्रीमद्भागवत तथा शिव पुराण में स्वाहा से संबंधित वर्णन आए हैं। मंत्र पाठ करते हुए स्वाहा कहकर ही हवन सामग्री भगवान को …

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8 अप्रैल को मनेगी गणगौर तीज, सुहागन से लेकर कुँवारी लडकियां भी रखेंगी व्रत

आप सभी को बता दें कि 22 मार्च 2019 यानी होली के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व शुरू हो गया. ऐसे में गणगौर मुख्यत: राजस्थान का पर्व है. आपको बता दें कि यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाएं मनाती हैं और सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु और कुशल वैवाहिक जीवन के …

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महाबली हनुमान नहीं थे ब्रह्मचारी, इनसे करनी पड़ी थी शादी!

हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि महाबली हनुमान को बाल ब्रह्मचारी कहा जाता है लेकिन अगर बात करें पुराणों की तो उनके विवाह का वर्णन किया गया है. जी हाँ, कहा जाता है उन्हें भगवान सूर्यनारायण की पुत्री सुवर्चला से विवाह करना पड़ा था लेकिन ये विवाह केवल उनकी शिक्षा पूर्ण करने के लिए था और इसके अतिरिक्त …

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इस वजह से पत्नी को कहा जाता है वामंगी

कहते हैं हिन्दू धर्म के अनुसार पूजा-पाठ, धार्मिक आयोजनों, संस्कार और विवाह में पत्नी को पति के बाई ओर बैठकर सभी तरह के अनुष्ठान करने की परंपरा होती है यह परम्परा सदियों से चली आ रही है. ऐसे में शास्त्रों में पत्नी को वामंगी कहा गया है, जिसका मतलब होता है बाएं अंग का अधिकारी. जी हाँ, ऐसा माना जाता …

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इस अप्सरा ने दिया था 100 संतानों को जन्म, देखते ही मोहित हो जाते थे ऋषि

आप सभी को बता दें कि शास्त्रों की माने तो देवराज इन्द्र के स्वर्ग में 11 अप्सराएं प्रमुख सेविका थीं और ये 11 अप्सराएं हैं- कृतस्थली, पुंजिकस्थला, मेनका, रम्भा, प्रम्लोचा, अनुम्लोचा, घृताची, वर्चा, उर्वशी, पूर्वचित्ति और तिलोत्तमा. कहा जाता है इन सभी अप्सराओं की प्रधान अप्सरा रम्भा थीं. औरअलग-अलग मान्यताओं में अप्सराओं की संख्या 108 से लेकर 1008 तक बताई …

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