सावन के पवित्र महाने की शुरुआत हो चुकी है। यह पूरा महीना भगवान भोलेनाथ के पूजा-अर्चना के लिए होता है। इस महीने में लोग शिव की आराधना कर मनचाहे फल की प्राप्ति करते हैं। वैसे तो सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ को जल भी चढ़ा दो तो भी वह खुश हो जाते हैं, लेकिन शिव के पूजा के दौरान कुछ …
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श्रावण मास: जानें कैसे हुआ शिवलिंग का प्राकट्य और किस पूजा से मिलेगा महादेव का वरदान
भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित श्रावण मास 17 जुलाई से प्रारंभ होकर 15 अगस्त 2019 तक रहेगा। सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा का अत्यधिक महत्व है। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव के निराकार स्वरुप का प्रतीक ‘लिंग’ शिवरात्रि की पावन तिथि की महानिशा में प्रकट होकर सर्वप्रथम ब्रह्मा और विष्णु के द्वारा पूजित हुआ था। …
Read More »इस वजह से भगवान विष्णु ने शिवजी को दे दिया था अपना एक नेत्र
शास्त्रों में कई कहानियां हैं और कथाए भी लेकिन सभी उनके बारे में जाने यह संभव नहीं है. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे कि भगवान विष्णु को कमल नयन भी कहा जाता है, वैसे तो कमल नयन का अर्थ होता है कमल के समान नयन वाला, लेकिन भगवान विष्णु का नाम कमल नयन क्यों पड़ा इसके पीछे एक …
Read More »40 साल में एक बार जल समाधि से बाहर आते हैं भगवान अति वरदार
भारत परंपराओं का देश है. यहां आस्था से जुडी कई परम्पराएं मानी जाती हैं. ऐसे तो मंदिरों के बारे मे कई तरह के रिवाज सुने होंगे लेकिन आज हम एक और धर्म से जुड़ी खास बात बताने जा रहे हैं. भारत में दक्षिण से लेकर उत्तर तक कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं. खास बात ये है कि हर धार्मिक …
Read More »मोक्षदायिनी होती है देवशयनी एकादशी, जानें महत्व
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहीं ‘आषाढ़ी एकादशी’ (Ashadhi Ekadashi), कहीं ‘हरिशयनी एकादशी’ (HariShayani Ekadashi) तो कहीं ‘देवशयनी एकादशी’ (Devshayani Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. इसमें मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल पक्ष से कार्तिक शुक्ल पक्ष तक के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) क्षीरसागर में गहन निद्रा में लीन हो जाते हैं. इस दौरान कोई …
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