जीवन के हर पड़ाव पर साथ देने वाले श्रीराम के भाई लक्ष्मण युद्धभूमि पर मूर्च्छित पड़े थे. युद्ध भूमि पर प्रभु श्रीराम के खेमे में शोक और शांति छाई हुई थी. प्रभु श्रीराम अपने भाई की मरणासन्न दशा देखकर लगातार आंसू बहाए जा रहे थे. तभी विभीषण ने सूरसेन नामक वैध को बुलाने का परामर्श दिया. सूरसेन को बुलाने पर …
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