सावन का आखरी सोमवार होने के कारण मंदिर में सुन्दर काण्ड का कार्यकर्म रखा गया , कार्यकर्म के समापन होने से पहले पंडित जी प्रवचन सुनाने । प्रवचन के दौरान उन्होंने बड़े जोर देके कहा की ‘ श्री राम’ ने शबरी के जूठे बेर खाए और शुद्र से भेद नहीं रखा। यह सुन के मैं सोच में पड़ गया की …
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