एक व्यक्ति से लक्ष्मी जी रूठ गईं। जाते वक्त बोली, ‘‘मैं जा रही हूं और मेरी जगह नुक्सान आ रहा है। तैयार हो जाओ लेकिन मैं तुम्हें अंतिम भेंट जरूर देना चाहती हूं। मांगो जो भी इच्छा हो।’’ व्यक्ति बहुत समझदार था। उसने विनती की कि नुक्सान आए तो आने दें लेकिन उससे कहना कि मेरे परिवार में आपसी प्रेम …
Read More » Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
