सही या गलत कर्म का फल देना शनि के हाथ में ही है इसलिए शनि ग्रह को कर्म का कारक माना गया है. शनि ग्रह को कुंडली में दशम भाव और अष्टम भाव के साथ साथ आजीविका और मृत्यु का कारक माना गया है. यही वजह है कि कुंडली में शनि के शुभ स्थान पर न होने पर व्यक्ति को …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।