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Meenu Tripathi. posted an update 9 years, 4 months ago
कहते हैं कि महादेव की आराधना करने से जीवन में उपजे तनाव, मानसिक अशांति, तरह-तरह की बीमारियों में राहत मिलती है और रोजगार में लाभ होता है।
शास्त्रों में सर्व प्रामाणिक देवाधि देव महादेव की साधना को अति महत्व दिया है। कहते हैं कि महादेव की आराधना करने से जीवन में उपजे तनाव, मानसिक अशांति, तरह-तरह की बीमारियों में राहत मिलती है और रोजगार में लाभ होता है।
महादेव की स्तुति से कई अन्य लाभ भी होते हैं-
सर्वशांति और तनाव दूर करने के लिए
हर सोमवार शिवालय या घर के पूजा कक्ष में इस मंत्र का 21 बार पाठ करें-
रूद्रम न्यवतोतइषवेनम: बाहुब्भ्यामुततेनम:
यातेरूद्रशिवातनूरघोरापापकाशिनी।
नम: शिवाय।
व्यवसाय वृद्धि और रोजगार के लिए
सोमवार से प्रतिदिन सवा तीन माह के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन 11 बार पाठ करें।
नमोस्तुनीलग्रीवाय सहसाक्षायमीढुुषे।
गंभीर बीमारियों से मुक्ति के लिए
महामृत्युंजय के सवा लाख जप व हवन के साथ ही रोगी को यथा सोमवार को शिवालय या घर में बने मंदिर में महामृत्युंजय मंत्र के 11 बार पाठ करवाएं। शिवलिंग को स्नान कराएं अभिमंत्रित जल को रोगी को पिलाएं, तुलसी व गौमूत्र का भी सेवन उत्तम है।
ú त्र्यम्बकंम यजामहे सुगंधिपुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बंधनामृत्युोर्मुक्षीय मामृतात्। ú नम: शिवाय।
विवाह बाधा हटाने के लिए
रविवार या सोमवार को युवक-युवती को शिव का शिवालय में स्नान कर, पीले वस्त्र धारण कर ध्यान करना चाहिए और इस श्लोक का कम से कम दो माह तक पाठ करना चाहिए। सोमवार को अखंड घी का दीपक जलाना खासा लाभ देता है।
वामदेवाय नमो ज्येष्ठाय नम: श्रेष्ठाय
नमो रुद्राय नम: नमो कालाय नम:
कलविकरणाय नम: बल विकरणाय नमो
अध्ययन में सफलता के लिए
सोमवार या रविवार को पूर्वाभिमुख या उत्तराभिमुख में बैठकर इस मंत्र का हर सोमवार 21 बार पाठ करें।
ú तत् पुरुषाय विद्महे महादेवाव धीमहि तन्नों रुद्र: प्रचोदयात्।
कालिदास ने भगवान शिव की अष्ट मूर्ति शिव आराधना का उल्लेख किया है। इसलिए शिव पूजा के साथ यथा संभव कलश पूजन, अग्निदेव या हवन, पृथ्वी के रूप में पूजन में ध्यान व जप, प्राणायाम, नासिका से ú नम: शिवाय के जप या शिव महिम्न स्तोत्रम् के पाठ करें।
स्तुति के अलावा रुद्रपाठ खासा लाभ देता है। कहा जाता है कि भगवान शंकर बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देव हैं।अध्यात्म के इस रहस्य से खुद में करें भगवान के दर्शन यहां मिला है ये पर्वत, क्या इसी से हुआ था समुद्र मंथन?
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।
jai ho
ati sunder