आज है रथ सप्तमी: सूर्य के महत्व को बताती है ये पूजा, हर मनोकामना होती है पूर्ण

पंचांग के अनुसार 19 फरवरी शुक्रवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि है. धार्मिक दृष्टि से इस सप्तमी की तिथि को व्रत, पूजा और उपासना के लिए उत्तम माना गया है. इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. व्क्ति के मान सम्मान में वृद्धि होती है.

सूर्य आत्मा के कारक हैं
सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है. हिंदू धर्म में आत्म की शुद्धि पर विशेष बल दिया गया है. गीता के उपदेश में भी भगवान श्रीकृष्ण आत्मा के बारे में बताते हैं. सूर्य जीवन में प्रकाश के महत्व के बारे में भी बताते हैं. अंधकार को प्रकाश ही दूर करता है.

मान सम्मान और उच्च पद दिलाते हैं सूर्य देव
सूर्य देव को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शुभ होने की स्थिति में सूर्य व्यक्ति को जीवन में भरपूर मान सम्मान प्रदान करते हैं. ऐसे लोग जीवन में उच्च पदों को प्राप्त करते हैं. साथ ही साथ सूर्य अच्छी स्थिति में हों तो व्यक्ति को लोकप्रिय भी बनाते हैं.

रथ सप्तमी पर व्रत और पूजा का महत्व
रथ सप्तमी के दिन स्नान, दान और पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन सूर्योदय के समय पवित्र नदी में स्नान करने से कई प्रकार के पाप से मुक्ति मिलती है. रोग आदि से भी मुक्ति मिलती है. इसीलिए इसे आरोग्य सप्तमी भी कहा गया है. इस सप्तमी के महत्व के बारे में ब्रह्म, स्कंद, शिव, अग्नि, मत्स्य, नारद और भविष्य पुराण आदि में भी वर्णन मिलता है.

पूजा विधि
इस दिन स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अघ्र्य देना चाहिए. सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए. गायत्री मंत्र का जाप करने से इसके लाभ में वृद्धि होती है. संतान के लिए भी इस दिन की पूजा अच्छी मानी गई है. माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को सूर्य की जन्मतिथि भी माना गया है.

अगर आप धारण कर रहे है रत्न तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान
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