आज सूर्य ग्रहण है। इस दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किया जाता है, क्योंकि सूर्य ग्रहण के समय राहु और केतु की बुरी छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इससे जीव, जंतु और इंसान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में लोगों के बने काम भी बिगड़ जाते हैं। धार्मिक शास्त्रों में लिखा है कि ग्रहण के दौरान कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। जबकि ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण से राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया गया है। इसके लिए मंत्र जाप का विधान बताया गया है। आइए उन मंत्रों को जानते हैं, जिनके जाप से न केवल शत्रुओं का नाश होता है, बल्कि सभी संकट दूर हो जाते हैं-
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
इस मंत्र के जाप से ग्रहण के दौरान व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इसके जप से आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। अगर शत्रु का दमन करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
इस मंत्र के जाप से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसे में ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जरूर जाप करें। इस मंत्र के पुण्य फल से धन की प्राप्ति होती है।
“विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
यह मंत्र बुरी शक्तियों का नाश करने वाला है। इस मंत्र में ईश्वर से ग्रहण काल से रक्षा करने की याचना की जाती है। अतः सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जरूर जाप करें।
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
इस मंत्र में राहु और केतु का आह्वान किया जाता है और उनसे शांति प्रदान करने की कामना की जाती है। चूंकि ग्रहण काल में राहु-केतु का प्रकोप रहता है। अतः इस मंत्र का जरूर जाप करें। कहते हैं कि अगर राशि में राहु-केतु की बुरी दृष्टि पर जाए तो उसके जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।