अधिक मास को पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। इस माह के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इसलिए अधिक मास में उनकी विशेष रूप से आराधना की जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस मास में जो भगवान विष्णु का पूजन करता है उसे कई गुना फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस महीने जगत के पालनहार से जुड़े कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।

पुरुषोत्तम मास में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इसके बाद विधि पूर्वक गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। अगर ये उपाय सुहागिन महिलाएं करती हैं तो उनके पति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उनके सुहाग की उम्र लंबी होती है।
मलमास में तुलसी के पौधे की पूजा जरूर करनी चाहिए। सुबह-शाम तुलसी के पौधे में गाय के घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ॐ वासुदेवाय नम: मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें। इस उपाय से घर में सुख-शांति बनी रहती है और किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है।
अधिक मास में नियमित रूप से भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए। जगत के पालनहार का आशीर्वाद पाने के लिए पुरुषोत्तम मास में उन्हें गुरुवार के दिन सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। लेकिन ध्यान रखें कि उसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें। ऐसा करने से भगवान विष्णु जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं।
पुरुषोत्तम मास में पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज पहले भगवान विष्णु को अर्पण करें, इसके बाद ये सभी वस्तुएं जरूरतमंदों को दान कर दें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा से जातक के जीवन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती है।
अधिक मास में सात कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराएं। भोजन में खीर का प्रसाद जरूर बनाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से कुछ ही दिनों में जातक की मनोकामना पूरी हो जाती है। साथ ही नौकरी में आ रही दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
मलमास में भगवान विष्णु जी की स्तुति के लिए सबसे बढ़िया उपाय विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ माना जाता है। वहीं ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र के पाठ से कुंडली का बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है।
Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।