क्रिसमस विशेष: जानिए Jesus के परमात्मा बनने का सिलसिला

jesus-54b3d2331e6da_l-300x214जन्म से पहले ही संघर्षमय जीवन व्यतीत करने वाले जीसस के बारे में बताया जाता है कि जब वे अपनी मां मदर मेरी की कोख में थे तब जैरूसलम से बैथलेहम तक उसने गधे पर यात्रा की थी, जहां ईसा मसीह पैदा हुए थे। प्रणाम स्वरूप आज भी कई ईसाईयों के घरों में मसीह की मां के गधे पर सवारी के चित्र देखे जा सकते हैं।
 
आगे चलकर इसी बालक के मन में सत्य के प्रति लोगों में आस्था जगाने की तीव्र इच्छा हुई और वह जॉन नामक एक विचारक के यहां जाकर ज्ञान अर्जित करने लगा। वहां से ज्ञान अर्जन के बाद वह अपनी सरल और मधुर वाणी से लोगों को सत्यमार्ग का ज्ञान वितरित करने लगा। इससे पाखंडी पुजारियों और धनी वर्ग ने उसके खिलाफ आवाज उठाई। तब ईसा को देशद्रोही करार देते हुए तीस वर्ष की अल्पायु में जब उन्हें सूली पर चढ़ाकर मृत्युदंड दिया गया। 
 
ईसा मसीह के मुंह से शब्द निकले- हे ईश्वर इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं। यही नहीं अपने जीवनकाल में ईसा मसीह ने जनजागृति के लिए कहा था। 
 
ईसा मसीह से आत्मिक ज्ञान पाकर आगे चलकर लोगों में जब जागरुकता आई और उनके अन्तर्मन में सत्य का बोध होने लगा तो उन्होंने उनके मार्ग को अपनाना प्रारंभ कर दिया। उनके अनुयायियों ने धर्म के नाम पर आडंबर, लालच, लोभ और क्रूरता आदि अवगुणों को ह्दय से निकाल देने के अतिरिक्त मानव कल्याण के कार्य का विश्वभर में प्रचार-प्रसार करना शुरू कर दिया जो आज तक जारी है। इसलिए ही तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष ईसा मसीह के जन्म दिवस 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है।
 
 
सकारात्मक गुणों और मनुष्य व जीवहित के लिए प्रार्थनाएं की जाती हैं ताकि विश्व में अमन चैन, प्रेम व सद्भाव का वातावरण बन सके। जिसकी वर्तमान में व्याप्त तनावपूर्ण युग में नितांत जरूरत है। 
जब प्रभु यीशू ने लिया पृथ्वी पर जन्म
जब भी कोई करे चरण स्पर्श तो करे ये काम

Check Also

 कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी?

सनातन धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) सबसे शुभ दिनों में से एक माना …