इस दिन से शुरू होगा मलमास, भूल से भी न करें यह काम

आप सभी को बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर तीन साल में एक बार अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है, जिसे अधिकमास, मल मास या पुरुषोत्तम कहा जाता है. ऐसे में सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है. कहा जाता है चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है और दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है. जी दरअसल हर साल घटने वाले इन 11 दिनों को जोड़ा जाए तो ये एक माह के बराबर होते हैं. इसी अंतर को बांटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है.

आपको बता दें कि इस बार अधिक मास 18 सितंबर से शुरू होने वाला है और यह 16 अक्टूबर तक रहने वाला है. जी दरअसल अधिक मास को पहले बहुत ही अशुभ माना जाता था लेकिन उसके बाद श्रीहरि ने इस मास को अपना नाम दे दिया जिसके बाद से इसे शुभ माना जाने लगा. अब इस मास को नाम “पुरुषोत्तम मास” दिया गया है. जी दरअसल इस मास में भगवान विष्णु के सारे गुण पाए जाते हैं लेकिन हाँ इस मॉस में कुछ विशेष कार्य करने से बचना चाहिए. आइए बताते हैं उन कार्यों के बारे में.

1. कहा जाता है इस समय विवाह नहीं होते है. जी दरअसल इस समय अगर विवाह किया जाए तो भावनात्मक सुख नहीं मिलता है. इसके अलावा पति-पत्नी के बीच अनबन रहती है.

2. कहते हैं इस महीने में नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ नही करना चाहिए. जी दरअसल मलमास में नया व्यवसाय आरम्भ करने से आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

3. कहा जाता है अन्य मंगल कार्य जैसे कि कर्णवेध, और मुंडन भी इस महीने में नहीं होने चाहिए क्योंकि इस अवधि में किए गए कार्यों से रिश्तों के खराब होने की सम्भावना ज्यादा होती है.

4. कहा जाता है इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से घर में सुख-शांति का बना रहना भी मुश्किल होता है.

5. कहते हैं अधिकमास में भौतिक जीवन से संबंधित कार्य करने की मनाही है. इसी के साथ मांगलिक कार्य भी नहीं करने चाहिए.

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