चैत्र नवरात्र में कार्यों में सफलता के लिए साधक नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। अगर आप चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो इससे पहले आप यहां बताए गए वास्तु नियम के बारे में जान लें। माना जाता है कि नवरात्र के दौरान वास्तु के इन नियमों का पालन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।
चैत्र नवरात्र का पर्व देशभर में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। इन 9 दिनों मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत किया जाता है। इस बार नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल से होगी और इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। मान्यता है कि चैत्र नवरात्र में साधक को पूजा और व्रत का शुभ फल तभी प्राप्त होता है। जब वास्तु शास्त्र के मुताबिक मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाए। अगर आप भी चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं, तो इससे पहले आप यहां बताए गए वास्तु नियम के बारे में जान लें। माना जाता है कि नवरात्र के दौरान वास्तु के इन नियमों का पालन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।
ये है शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र में पूजा से संबंधित हर चीजों के बारे में बताया गया है। ऐसे में इस शास्त्र में चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित करने की सही दिशा का वर्णन किया गया है। वास्तु शास्त्र की मानें तो मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करने के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ माना गया है।
इस दिशा में न करें मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित
वास्तु शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति को घर की दक्षिण दिशा में स्थापित नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह दिशा यमराज की होती है। दक्षिण दिशा में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए इस दिशा में देवी-देवता की मूर्ति स्थापित करने से सुख- शांति की हानि होती है।
इस दिशा में जलाएं अखंड ज्योति
वास्तु शास्त्र की मानें तो चैत्र नवरात्र में कलश घर की ईशान कोण में स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा अखंड ज्योति को घर के आग्नेय कोण में प्रज्जवलित करनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय दिशा में अखंड ज्योति जलाने से शत्रुओं का नाश होता है।
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