हनुमान जी को भगवान राम के भक्त के रुप में जाना जाता है। कहा जाता है कि एक बार जो बजरंगबली की शरण में आ जाए तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए हर घर में इनकी प्रतिमा देखने को मिलती है। जीवन में संकटों से बचने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, या रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करतो हैं। शक्ति और सिद्धि की कामना को पूरी करने के लिए हनुमान जी की उपासना अचूक मानी जाती है। इनको चिरंजीवी भी माना जाता हैं। ऐसी अद्भुत शक्तियों व गुणों के स्वामी होने से ही वे जाग्रत देवता के रूप में पूजनीय हैं इसलिए इन्हें संकटमोचन भी कहते हैं। आपको आज विशेष हनुमंत मंत्र के बारे में बताएंगे। जिसे सही विधि से जपने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है।
मंत्र-
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
मंत्र विधि-
नहाने के बाद हनुमान जी की पूजा सिन्दूर, गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य चढ़ाकर गुग्गल धूप व दीप जलाकर करें।
लाल आसन पर बैठ कर इस मंत्र का जाप करें। उसके पश्चात हनुमान जी की आरती करना न भूलें।
मंगलवार के दिन व्रत करना चाहिए। शाम के समय हनुमान मंदिर में जाकर बच्चों में प्रसाद बाटना चाहिए।