जिसमें संतत्व है वही संत है। ईश्वर ने अपनी बातों को लोगों तक समझाने के लिए, उन्हें सही रास्ते पर लाने के लिए, व्यक्ति का विकास कैसे हो, उसके चिंतन, शरीर, धन, ज्ञान का विकास कैसे हो, उसके लिए एक प्रतिनिधि परंपरा का प्रारंभ किया, यही संत परंपरा है। जो ईश्वर की भावनाएं होती हैं, जो ईश्वर की स्थापनाएं होती …
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कहते हैं जहां शंख है, वहीं लक्ष्मी का निवास होता है
बहुत समय पहले सुदामा नाम का एक कृष्ण भक्त, राधाजी के शाप से शंखचूड़ दानवराज होकर, राजा दक्ष के वंश में जन्मा। इस दानव का भगवान श्रीकृष्ण ने किया। शंखचूड़ के वध के बाद समुद्र में उसकी बिखरी उसकी अस्थियों से शंख का जन्म हुआ और उसकी आत्मा राधा के शाप से मुक्त होकर गौलोक वृंदावन में श्रीकृष्ण के पास …
Read More »2019 से पहले राम मंदिर बनाने का संकल्प
वाराणसी । एक बार फिर विश्व हिन्दू परिषद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर मुखर हो रही है। रविवार को विहिप व बजरंग दल की काशी में हुई संयुक्त प्रांतीय बैठक में वर्ष-2019 से पहले अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया गया। विहिप गो व गंगा रक्षा पर भी राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगी। अभियान से जन-जन …
Read More »गुरुवार को होगा अधिक मास का समापन, इन उपायों से करें भाग्योदय
गुरुवार (16 जुलाई 2015 को) आषाढ़ के अधिक मास का समापन होगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, प्रत्येक तीसरे वर्ष अधिक मास आता है। इस प्रकार 2018 में पुनः अधिक मास आएगा। वह ज्येष्ठ का अधिक मास होगा। अधिक मास में नए शुभ काम प्रारंभ नहीं किए जाते। यह मास भगवान विष्णु को विशेष प्रिय है। इस दौरान देवी-देवताओं की वंदना, …
Read More »आकाश तत्व: समझा नहीं, बस अनुभव किया जा सकता है
हम यह जानते हैं, कि हमारा शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है। इन तत्वों में से पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु को हम अनुभव कर सकते हैं, लेकिन आकाश हमारे अनुभव से परे है। क्या अंतरिक्ष का असीमित फैलाव ही आकाश तत्व है? प्रश्न: नमस्कारम सद्गुरु। सद्गुरु पंचभूत का एक तत्व आकाश है। आपके एक यूट्यूब वीडियो में मैंने सुना …
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Shree Ayodhya ji Shradhalu Seva Sansthan राम धाम दा पुरी सुहावन। लोक समस्त विदित अति पावन ।।